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मुख्य चुनाव आयुक्त के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग, 17 घंटे तक गांव में फंसे रहे, ऐसे काटी पूरी रात

jantaserishta.com
22 Oct 2024 3:56 AM GMT
मुख्य चुनाव आयुक्त के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग, 17 घंटे तक गांव में फंसे रहे, ऐसे काटी पूरी रात
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कोई सुविधा नहीं.
देहरादून: मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार कुछ दिनों पहले अपने हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग के बाद 17 घंटे तक उत्तराखंड के एक सुदूर गांव में फंसे रहे. रात के अंधेरे और वीरान गांव में स्थानीय ग्रामीण सीईसी राजीव कुमार के लिए देवदूत बनकर आए. अगले दिन जब आईटीबीपी के जवान वहां पहुंचे तो उन्होंने चुनाव आयुक्त के लिए चाय बनाई. कड़ाके की ठंड के बीच वह चाय का कप उनके लिए सबसे बड़ी राहत के रूप में आया. अब उन्होंने ग्रामीणों और आईटीबीपी की मेहमाननवाज़ी के लिए उनका आभार व्यक्त किया है.
चीफ इलेक्शन कमिश्नर बुधवार दोपहर को पिथौरागढ़ के दूरदराज के मतदान केंद्रों का दौरा करने के लिए मिलम जा रहे थे. इस दौरान पायलट और दो अन्य लोगों के साथ उनके हेलिकॉप्टर को घने बादल और कम दृश्यता के चलते मुनस्यारी से लगभग 42 किमी दूर रालम गांव में आपातकालीन लैंडिंग के लिए मजबूर होना पड़ा.
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीवीआरसीसी पुरूषोत्तम को लिखे पत्र में राजीव कुमार ने रालम गांव के निवासियों की तारीफ की. उन्होंने विश्वास जताया कि प्रशासन आपदा प्रबंधन में स्थानीय निवासियों की भागीदारी के इस उदाहरण को नीति के रूप में अपनाएगा और उन्हें प्रेरित और सम्मानित करेगा.
सीईसी राजीव कुमार ने कहा, 'मैं आप सभी को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं और आपके स्वस्थ एवं लंबे जीवन की कामना करता हूं.' उन्होंने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के महानिदेशक को भी पत्र लिखा और पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में तैनात बचाव दल की सराहना की.
लगभग 12,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित रालम बर्फ से ढका हुआ था, जिसके कारण इसके सभी निवासी कुछ दिन पहले पाटोन गांव में अपने विंटर रेजिडेंस में चले गए थे जिसके चलते यह गांव वीरान हो गया था.
पाटोन गांव के ईश्वर सिंह नबियाल, सुरेंद्र कुमार और भूपेंद्र सिंह ढकरियाल मुश्किल भौगोलिक परिस्थितियों और प्रतिकूल मौसम के बीच कुछ दवाइयां और खाने-पीने का सामान लेकर रात करीब 1 बजे चुनाव आयुक्त की चार सदस्यीय टीम के पास पहुंचे. सीईसी के साथ उत्तराखंड के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी वीके जोगदंडे, पायलट के अलावा एक अन्य व्यक्ति भी था.
राजीव कुमार ने अपने पत्र में लिखा, 'एक कहावत है कि डूबता हुआ आदमी तिनके का सहारा लेता है. यह कहावत तब सच हुई जब वो तीन लोग भगवान के रूप में रालम गांव में हम तक पहुंचे. इस टीम के साथ उनका पालतू कुत्ता भी था, जो टीम में चौथे सदस्य और सिक्योरिटी कवर की भूमिका निभा रहा था.'
सुबह करीब 5 बजे आईटीबीपी जवानों की एक टीम मौके पर पहुंची और राजीव कुमार और उनकी टीम के लिए चाय बनाई. सुबह छह बजे हेलिकॉप्टर टीम को लेकर मुनस्यारी के लिए उड़ा.
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