
पृथ्वी की निचली कक्षा में उपग्रहों की प्रचुरता के कारण उनके अंतरिक्ष मलबे से टकराने का खतरा रहता है. फिलहाल इस कक्षा में अकेले एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के 4,411 स्टारलिंक सैटेलाइट चक्कर लगा रहे हैं.
ट्विटर के मालिक की योजना निकट भविष्य में ऐसे हजारों और उपग्रहों को निचली पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करने की है. इसका नतीजा यह है कि अब क्षेत्र में ट्रैफिक तो बहुत है, लेकिन ट्रैफिक सिग्नल नहीं है।
एक नयी रिपोर्ट के मुताबिक, इन उपग्रहों से विवाद से बचने के लिए केवल 6 महीने में 25,000 से अधिक युद्धाभ्यास करने पड़े. अगर हम दैनिक औसत देखें तो प्रति दिन 137 बार ये उपग्रह अंतरिक्ष में किसी अन्य वस्तु से टकराने से बच गए हैं.
स्पेसएक्स द्वारा यूएस फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन के साथ पंजीकृत एक रिपोर्ट से पता चला है कि 1 दिसंबर, 2022 और 31 मई, 2023 के बीच, स्टारलिंक उपग्रहों को 25,000 से अधिक बार विक्षेपित होना पड़ा. क्योंकि, यदि ऐसा नहीं होता, तो इसके अन्य अंतरिक्ष यान, निष्क्रिय उपग्रहों और अन्य अंतरिक्ष मलबे से टकराने की आसार थी.
रिपोर्ट यह भी बताती है कि पिछले 6 महीनों की तुलना में इन 6 महीनों में ऐसी घटनाएं दोगुनी हो गई हैं. 2019 में पहले स्टारलिंक तारामंडल के लॉन्च के बाद से, उपग्रह बहाव 50,000 से अधिक बार हुआ है.
आसमान में जन्मे इस अजीब संकट का सबसे बड़ा कारण वहां उपस्थित अंतरिक्ष मलबा है. यह मलबा मानव निर्मित है। इनमें अंतरिक्ष यान के टुकड़े, बचा हुआ पेंट, रॉकेट के टुकड़े, निष्क्रिय उपग्रह, या ऐसी वस्तुएं शामिल हैं जो इसके कारण वहां हैं और उच्च गति से आगे बढ़ रही हैं.
अमेरिकी अंतरिक्ष संगठन नासा वर्तमान में अंतरिक्ष में परिक्रमा कर रहे मलबे के लगभग 27,000 टुकड़ों पर नज़र रख रहा है. 2021 में नासा ने परेशानी की ओर इशारा करते हुए बोला था कि इस वेग से डाई का एक कण भी अंतरिक्ष यान को हानि पहुंचा सकता है.
पेंट चिप्स से क्षति के कारण अंतरिक्ष यान की कुछ खिड़कियों को बदलना पड़ा. इसके मुताबिक, अंतरिक्ष में मिलीमीटर आकार का मलबा भी मिशन को तबाह कर सकता है।
ऐसे में भविष्य में यह खतरा और बढ़ने की संभावना है। क्योंकि उपग्रहों की संख्या बढ़ने वाली है, सिर्फ स्पेसएक्स के पास दीर्घकालिक योजना है. कंपनी के सीईओ एलन मस्क ने बोला है कि उनका लक्ष्य 12,000 स्टारलिंक सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजना है।
इसका सिर्फ एक-तिहाई भाग ही वर्तमान में पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है. इतना ही नहीं, मस्क को दूसरी पीढ़ी के स्टारलिंक तारामंडल के 30,000 और उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए एफसीसी से आंशिक स्वीकृति भी मिल गई है.
यही कारण है कि जब स्पेसएक्स के उपग्रह 2019 में लॉन्च होने वाले थे, तो विवाद के जोखिम से बचने के लिए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने एओलस पृथ्वी अवलोकन उपग्रह को स्थानांतरित कर दिया. इसी तरह 2021 में चीन को अपने स्पेस स्टेशन को दो बार डायवर्ट करना पड़ा, ताकि स्टारलिंक सैटेलाइट उससे न टकराए। चीन ने इस मुद्दे में संयुक्त देश में भी कम्पलेन दर्ज कराई है।
