मुंबई। मुंबई के एक अस्पताल में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां डॉक्टरों ने मोबाइल फोन की लाइट में ही एक महिला की सी सेक्शन सर्जरी कर दी। इसका परिणाम यह हुआ कि महिला और नवजात दोनों की ही जान चली गई। अब परिजन अस्पताल और डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अस्पताल की लापरवाही की वजह से ही जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हुई है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक खुसरुद्दीन अंसारी दिव्यांग हैं। उनका एक पैर नहीं है। उन्होंने अपनी पत्नी साहीदुन को सुषमा स्वराज मैटरनिटी हो में ऐडमिट करवाया था। 11 महीने पहले ही उनकी शादी हुई था। परिवार का कहना है कि सोमवार को अस्पताल में बिजली चली गई। इसके बाद भी तीन घंटे तक जनरेटर नहीं चलाया गया। उन्होंने कहा कि अंधेरे में ही ऑपरेशन थिएटर में सर्जरी कर दी गई। अब परिवार के लोग बीएमसी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि मामले की जांच करवाकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
अंसारी की मां ने कहा, 9 महीने से मेरी बहू एकदम स्वस्थ थी। सभी रिपोर्ट्स सही थीं। अस्पताल में उसे सुबह के 7 बजे डिलिवरी के लिए ले जाया गया। पूरा दिन उन्होंने अंदर ही रखा और 8 बजे बताया कि सब कुछ ठीक है। डॉक्टरों ने कहा कि नॉर्मल डिलिवरी करवाई जाएगी। जब रात में हम लोग मिलने गए तो वह खून से लथपथ थी। इसके बाद सी सेक्शन सर्जरी के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवाए गए।
उन्होंने बताया, अस्पताल की लाइट चली गई। इसके बावजूद ऑपरेशन थिएटर में फोन की टॉर्च से ऑपरेशन किए जा रहे थे। बच्चे की मौत के बाद जब हम रोने लगे तो डॉक्टरों ने कहा कि मां की जान बच जाएगी आप इन्हें लेकर सियॉन अस्पताल चले जाइएगा। अस्पताल पहुंचने से पहले ही मां की भी मौत हो गई। अस्पताल में ऑक्सीजन भी उपलब्ध नहीं थी.। अंसारी का कहना है कि डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई होनेी चाहिए। इस अस्पताल को भी बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा, मैं बहुत कम कमाता हूं। बड़ी मुश्किल से शादी हुई थी। अब मेरी जिंदगी बर्बाद हो गई।