- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- यूपी के बिजली...
यूपी के बिजली उपभोक्ताओं को नहीं मिलेगी राहत ,लटक गया फैसला
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. क्योंकि फ्यूल सरचार्ज चार्ज में 18 से 69 पैसे प्रति यूनिट की कटौती का मामला टल गया है. विद्युत नियामक आयोग ने 20 अक्टूबर को राज्य के बिजली वितरण निगमों की ओर से वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के लिए फ्यूल सरचार्ज में 35 पैसे प्रति यूनिट यानी श्रेणीवार दरों में कटौती की थी.
पहली तिमाही में दाखिल प्रस्ताव के तहत विभिन्न श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए अगले तीन महीने तक बिजली दरों में 18 से 69 पैसे प्रति यूनिट की कटौती की जानी थी. लेकिन विद्युत नियामक आयोग ने इसे एक चौथाई भी कम नहीं किया है. आयोग ने तर्क दिया है कि केंद्र सरकार की ओर से मासिक ईंधन अधिभार शुल्क को लेकर एक नियम बनाया गया है. इसलिए, अब फ्यूल सरचार्ज के मुद्दे को इन्हीं नियमों के तहत थ्रू अप के समय निपटाया जाएगा। इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया जाएगा.
उपभोक्ता परिषद पर नियमों की अनदेखी का आरोप
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष और राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि विद्युत नियामक आयोग नियामक ढांचे के तहत बिजली दरों में कमी न करने के पीछे जो तर्क दे रहा है, वह पूरी तरह से गलत है। यह उपभोक्ता के साथ धोखाधड़ी है. इसके विरोध में उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग के तकनीकी सदस्य के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया है.
वर्मा ने कहा कि जब राज्य के बिजली उपभोक्ताओं पर फ्यूल सरचार्ज बढ़ाना था तो नियामक आयोग ने इसकी कार्यवाही शुरू कर दी थी. अब जब तीन महीने के लिए उपभोक्ता दरें कम होनी थीं तो नियमों के खिलाफ तर्क दिए जा रहे हैं। विद्युत नियामक आयोग द्वारा बनाए गए नियमों के मुताबिक उपभोक्ताओं को हर तीन माह में लाभ मिलना चाहिए।
सवाल यह है कि बिजली दरें बढ़ाते समय इस नियम का ध्यान क्यों नहीं रखा गया? जब कंपनियों ने अगस्त 2023 में 28 पैसे से 1.09 रुपये तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था, तब उन्होंने इस नियम पर ध्यान क्यों नहीं दिया?