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चिराग पासवान और पशुपति पारस पर चुनाव आयोग की कार्रवाई, लोजपा का चुनाव चिह्न जब्त

Deepa Sahu
2 Oct 2021 3:26 PM GMT
चिराग पासवान और पशुपति पारस पर चुनाव आयोग की कार्रवाई, लोजपा का चुनाव चिह्न जब्त
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लोक जनशक्ति पार्टी पर कब्जे को लेकर चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस के बीच चल रही।

लोक जनशक्ति पार्टी पर कब्जे को लेकर चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस के बीच चल रही. तनातनी के बीच चुनाव आयोग ने पार्टी पर बड़ी कार्रवाई की है। चुनाव आयोग ने लोक जनशक्ति पार्टी का चुनाव चिह्न जब्त कर लिया है।

चुनाव आयोग का कहना है कि पासवान या चिराग के दो समूहों में से किसी को भी लोजपा के चुनाव चिन्ह का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। आयोग ने अंतरिम उपाय के रूप में दोनों से अपने समूह का नाम और प्रतीक चुनने को कहा है, जो बाद में उम्मीदवारों को आवंटित किए जा सकते हैं। वहीं, पशुपति कुमार पारस ने कहा कि मैंने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि लोजपा का चुनाव चिह्न किसी को आवंटित न किया जाए क्योंकि मामला अदालत में लंबित है।

बता दें कि रामविलास पासवान के निधन के बाद पार्टी में अंदरूनी कलह शुरू हो गई थी। 16 जून को चिराग पासवान की गैर-मौजूदगी में पांचों सांसदों ने संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई और हाजीपुर सांसद पशुपति पारस को संसदीय बोर्ड का नया अध्यक्ष चुन लिया था। इसकी सूचना लोकसभा स्पीकर को भी दी गई, अगले दिन लोकसभा सचिवालय से उन्हें मान्यता भी मिल गई थी।
17वीं लोकसभा में लोजपा के कुल छह सांसद हैं, जिनमें पांच सांसदों पशुपति कुमार पारस, चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा देवी, चंदन सिंह और प्रिंस राज ने चिराग पासवान को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था। इसके बाद उन्होंने चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस को अपना नेता चुन लिया था।
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