यूपी। लखनऊ में समाजवादी पार्टी के दफ्तर में भीड़ जमा होने और कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन के मामले में चुनाव आयोग ने सख्त रुख अपनाया है. चुनाव आयोग ने गौतमपल्ली SHO को लापरवाही बरतने की वजह से तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा सहायक पुलिस आयुक्त और अपर नगर मजिस्ट्रेट से जवाब तलब किया है. चुनाव आयोग के आदेश पर लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने एसएचओ गौतमपल्ली को सस्पेंड कर दिया है.
दरअसल, सपा ने आज लखनऊ कार्यालय में वर्चुअल रैली का आयोजन किया था. लेकिन रैली का नाम ही बस वर्चुअली था, लेकिन यहां भारी हुजूम देखने को मिला. यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गईं और किसी भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं हुआ. इस मामले में सपा के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. कुल 2500 कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है. कोरोना महामारी को देखते हुए इस मामले में चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में लखनऊ जिलाधिकारी की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए थाना प्रभारी गौतमपल्ली दिनेश सिंह विष्ट को लापरवाही बरतने के आरोप में तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया है.
इसके अलावा चुनाव आयोग ने सहायक पुलिस आयुक्त अखिलेश सिंह और रिटर्निंग अफसर सहायक पुलिस आयुक्त अखिलेश सिंह मध्य विधानसभा क्षेत्र अपर नगर मजिस्ट्रेट गोविन्द मौर्य को शनिवार तक स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है. उधर, समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हुए मुकदमे पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर केस दर्ज करना चाहिए. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, आज गोरखपुर में मुख्यमंत्री हजारों लोगों के साथ खिचड़ी खा रहे थे, उनपर केस दर्ज होना चाहिए. योगी आदित्यनाथ आचार संहिता तोड़ रहे हैं.