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विश्व हिंदू परिषद ने कहा- सीएए पर अफवाह फैलाने वाले नेताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे चुनाव आयोग और न्यायालय
jantaserishta.com
15 March 2024 10:14 AM GMT
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सांकेतिक तस्वीर
नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित विपक्षी दलों पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग और अदालत से इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने बयान जारी कर कहा, "दिल्ली के 'पढ़े-लिखे' मुख्यमंत्री कहते हैं कि सीएए लागू होने से 'बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से बड़ी संख्या में लोग आएंगे। इससे देश व सभी व्यवस्थाएं चौपट हो जाएंगी। इन देशों से एक से डेढ़ करोड़ लोग आ गए तो उन्हें कहां बसाएंगे, नौकरियां कहां से देंगे। जबकि, सच्चाई तो यह है कि 2014 के बाद भारत में प्रवेश करने वाले ऐसे किसी व्यक्ति पर यह कानून लागू ही नहीं होता और न ही इसके माध्यम से किसी अन्य पात्र को कोई निमंत्रण दिया जा रहा है।"
बंसल ने केजरीवाल पर बड़ा हमला बोलते हुए आगे कहा, "जब बांग्लादेशी और रोहिंग्या अवैध घुसपैठियों और आतंकियों को आपने बसाया, फ्री में खिलाया-पिलाया और सरकारी पैसे बांटे तब दिल्ली के बेरोजगारों की, संसाधनों की और व्यवस्था की सुध नहीं आई ? उनके लिए तो हाईकोर्ट तक लड़े और आपने पलक-पांवड़े तक बिछा दिए, किंतु कुछ जिहाद पीड़ितों के आंसू पोंछने के लिए एक कानून क्या लागू हुआ, आप और आपके साथियों को सांप सूंघ गया ?"
विहिप प्रवक्ता ने जिहादी तुष्टिकरण के लिए केजरीवाल और उनके सहयोगी नेताओं पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा, "1947 में पाकिस्तान में 23 प्रतिशत सिख और हिंदू थे, जो आज सिर्फ 3.7 प्रतिशत बचे हैं। वहीं, बांग्लादेश में 1951 में हिंदू आबादी 22 प्रतिशत थी, जो 2011 में घटकर 10 प्रतिशत रह गई। जो घटे वे भारत तो नहीं आए! ना धरती में समाए, ना आकाश ने निगला ! तो ये सब कहां गए ? उनका धर्म परिवर्तन किया गया, उन्हें अपमानित किया गया, दोयम दर्जे के नागरिक के नाते उन्हें रखा गया। जो जान बचाकर भारत में शरण लिए, वे भला अब कहां जाएंगे? आप तो घुसपैठियों पर लुटा रहे हो और शरणार्थियों पर कराह रहे हो।"
उन्होंने कहा, "झूठी अफवाह फैलाकर, फरेब की राजनीति कर देश में जिहादियों के द्वारा उत्पात कराने के षड्यंत्रकारी इन राजनेताओं एवं दलों के विरुद्ध न्यायालय और चुनाव आयोग को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।"
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