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चुनावी चकल्लस: चर्चा में निर्दलीय प्रत्याशी, घर में साइकल भी नहीं फिर भी गनर की बाइक पर घूमकर मांगता है वोट

jantaserishta.com
7 Feb 2022 10:59 AM GMT
चुनावी चकल्लस: चर्चा में निर्दलीय प्रत्याशी, घर में साइकल भी नहीं फिर भी गनर की बाइक पर घूमकर मांगता है वोट
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डीएम से मांगी थी जेड प्लस सिक्योरिटी।

ग्रेटर नोएडा : आपने लग्जरी गाड़ियों से घिरे नेताजी को तो देखा होगा। करोड़ों की प्रॉपर्टी, बैंक बैलेंस की बातें भी सुनी होंगी। लेकिन, एक प्रत्याशी ऐसा भी है, जिसके पास साइकल भी नहीं है। चुनाव आयोग ने सुरक्षा के लिए उसे भी एक गनर (पुलिसकर्मी) दिया है। प्रचार के लिए कहीं दूर जाना होता है तो उस गनर की बाइक से घूमता है।

पड़ोसी के घर रात बिताता है गनर
खाने-पीने के लिए रुपये नहीं हैं। दिनभर घूमकर थक चुका गनर ही प्रत्याशी को अपने रुपये से नाश्ता कराता है। घर में सोने की जगह नहीं तो गनर पड़ोसी के यहां रात बिताता है। हालांकि इसमें पुलिसकर्मी को कोई दिक्कत नहीं। वह अपना फर्ज समझते हुए हमेशा साए की तरह प्रत्याशी की सुरक्षा में रहता है। अट्टा गुजरान के रहने वाले दलित नेता सुनील गौतम इस बार जेवर विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी हैं।
गांवों में प्रचार के लिए गनर भी पैदल जाता है
NBT की रिपोर्ट के मुताबिक सुनील ने बताया कि उनके पास साइकल भी नहीं है। ऐसे में चुनाव प्रचार के लिए गनर को भी पैदल ही लेकर जाना मजबूरी है। देहात में खेत में भी कई बार गनर सुरक्षा के लिए सुनील के साथ पैदल ही जाता है। गनर के पास एक बाइक है। कई बार जब सुनील को दूर कहीं प्रचार के लिए जाना होता है तो गनर की वह बाइक ही सहारा होती है। सुनील के पास इतने पैसे नहीं हैं कि कार्यकर्ताओं की लंबी-चौड़ी फौज रख सके। ऐसे में वे अधिकतर वक्त अकेले ही प्रचार करते हैं। खाने-पीने का इंतजाम भी गनर को ही करना पड़ता है।
खाने-पीने का भी इंतजाम अपनी तरफ से करता है गनर
सुनील की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी ने बताया कि 24 घंटे उनकी सुरक्षा ड्यूटी लगाई गई है। सुनील के घर में इतनी जगह नहीं है कि उनके लिए व्यवस्था हो सके। ऐसे में पड़ोसी के घर में रात बितानी पड़ती है। हालांकि देर रात तक वे सुनील के साथ ही रहते हैं। सुनील जब सोने चले जाते हैं तब गनर भी पड़ोसी के यहां रात बिताने के लिए चला जाता है। प्रत्याशी की मजबूरी को देखते हुए अपनी बाइक से कई बार दूसरे गांव पहुंचा देते हैं। खाने-पीने का इंतजाम भी अपनी तरफ से कर देते हैं।
सुनील गौतम ने नामांकन के बाद विपक्ष और जिला प्रशासन से अपनी जान का खतरा बताते हुए जेड प्लस सिक्योरिटी की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखा था। उन्होंने दूसरे प्रत्याशियों से खुद के अपहरण की आशंका भी जताई थी।
महिलाओं के साथ निर्वस्त्र प्रदर्शन, जेल में रहे बंद
सुनील गौतम परर दनकौर में सरेआम महिलाओं के साथ नग्न प्रदर्शन करने का भी आरोप था। इस आरोप में वह जेल में बंद रहे थे। सुनील गौतम ने साल 2015 में दनकौर के बीएल चौक पर अपने घर की तीन महिलाओं के और भाई के साथ नग्न प्रदर्शन किया था। मैजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए, बयान में सुनील गौतम ने खुद को मानसिक तौर पर डिस्टर्ब होने की बात कही थी। उन्होंमने खुद ही अपने और महिलाओं के कपड़े उतारने की बात भी कबूल की थी।

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