भारत
रेलगाड़ी की चपेट में आकर आठ गोवंश की मौत, ऊपर से गुजरी ट्रेन
Shantanu Roy
10 Aug 2023 1:17 PM GMT
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दर्दनाक हादसा
हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ रेलगाड़ी के चपेट में आने से आठ गोवंश के कटने से उनकी दर्दनाक मौत हो गई। वार्ड 23 व 25 के मध्य पॉवर हाउस रोड के सामने मंगलवार रात्रि निराश्रित गोधों के रेलगाड़ी के आगे आने से रेलवे लाइन के दोनों तरफ गोवंश के चिथडे़ काफी दूर तक बिखर गए। लेकिन बड़ा हादसा टल गया। गोधे रेलवे ट्रेक के पास गेहूं दाना, हरा-चारा या अन्य सामग्री खाने के फेर में पहुंचे और कट गए। उनके क्षत-विक्षित शवों के ऊपर से रातभर ट्रेन गुजरती रहीं। दर्जनों सांड ट्रेन की चपेट में आकर पहले भी काल कलवित हो चुके हैं। पार्षद एडवोकेट लखन करवा ने बताया कि हादसे की वजह कई दिनों से इलाके में गांवों व अन्य जगहों से गोधे छोड़कर जाने से बढ़ी है। जो अब विकराल रुप लेती जा रही है। बुधवार अल सुबह हड्डारोडी ठेकेदार के कारिंदों ने जेसीबी के सहयोग से मृत गोवंश को पिकअप व ट्रैक्टर ट्रॉली में डलवाया। गोवंश कटने से दुर्गंध फेल गई। ऐसे में अन्य पशुओं को इकट्ठे होने से रोकने के लिए दवाई का छिड़काव करवाया। इस मौके पर प्रवेश स्वामी, पार्षद राहुल पोटलिया, आजाद बिश्नोई, अशोक बंसल, डॉ. जगविंद्र सिद्धू, पवनदीप, टीना नाई, नगरपालिका के एसआई बलकरण सिंह के नेतृत्व में जमादार मुकेश, कार्मिक विजय व नत्थू सहित काफी संख्या में मोहल्ले के लोग मौजूद थे।
विहिप प्रतिनिधि सुरेंद्र बिश्नोई ने बताया कि सरस्वती माता मंदिर व स्कूल के पास हनुमानगढ़ से भटिंडा की ओर जा रही एक मालगाड़ी की चपेट में आकर सांड मारे गए। अर्द्ध रात्रि करीब 12 बजे एक सांड ट्रेन की चपेट में आकर कटने के बाद सात गोवंश लगातार कट गए। कुछ देर मालगाड़ी रुकी रही। पार्षद अनिता करवा ने बताया कि गांवों से छोड़े गए नए सांड रेलवे ट्रेक पर आकर मालगाड़ी की चपेट मेें आकर मारे गए। उन्होंने गेहूं दाना, आटा, हरा-चारा व अन्य सामग्री रेलवे ट्रेक समीप नहीं डालने का आह्वान लोगों से किया। शहर में ऐसी कोई सड़क या गली नहीं जहां पर बेसहारा पशु लड़ते नजर न आते हो। इनसे सदैव हादसा होने का भय रहता है। डीएसपी कार्यालय समीप, बस स्टैंड, ₹ांति चौक, लेडिज मार्केट, मां करणी व दुर्गा मंदिर मार्ग, मीरा कॉलोनी, कोर्ट रोड, कैनाल कॉलोनी, तहबाजार, धान मंडी सहित अनेक जगहों पर निराश्रित पशु परेशानी का सबब बने हैं। पुराने बंसल सिनेमा के पीछे व डाकघर के पास तो कचरे व अन्य सामान खाने की फेर में पशुओं का जमावड़ा बना रहता है। रेलवे ट्रेक पर तो दर्जनों पशु रेलगाड़ी की चपेट में आकर काल कलवित हो चुके। कई बार घंटों तक गाड़ी खड़ी रहती है। ट्रेक क्लियर होने पर रवाना होने तक यात्रियों की सांस अटकी रहती है। बेसहारा पशुओं से हर दिन कहीं न कहीं पर दुर्घटनाएं हो रही हैं। नागरिकों का कहना है कि दुर्घटना रोकने के लिए इन पशुओं को गोशाला में छोड़ा जाए। वहीं गले में रेडियम की बेल्ट बंधे तो रात के वक्त वाहन चालकों को पशु नजर आ जाए।
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Shantanu Roy
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