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Eid Milad-un-Nabi 2021: प्रतिबंध के बावजूद निकला जुलूस, 303 लोगों पर एफआईआर
jantaserishta.com
20 Oct 2021 3:21 AM GMT
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कानपुर: कानपुर में मंगलवार को रोक के बावजूद जुलूस-ए-मोहम्मदी के मौके पर जुलूस निकाला गया। हजारों लोग सड़क पर आ गए। शुरुआत परेड से हुई और धीरे-धीरे कई इलाकों में जुलूस निकलने लगे। दोपहर बाद जाजमऊ में भी लोग झंडे लेकर निकल पड़े। 70-80 हजार की भीड़ टुकड़ों में निकली। पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने इसे गैर जिम्मेदाराना हरकत करार दिया है। देर रात 303 लोगों के खिलाफ धारा 188, 269, 270, 3/4 महामारी अधिनियम, 51 आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत चमनगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है।
इसमें चमनगंज निवासी हयात जफर हाशमी, मोहम्मद शाम व अब्दुल हसीब नामजद हैं, जबकि 300 अज्ञात हैं। 12 रबी उल अव्वल यानी ईद मीलादुन्नबी के मौके पर शहर में 109 वर्षों से जुलूस निकाला जाता रहा है। 2020 में कोविड के कारण मुमकिन नहीं हो सका था। इसका नेतृत्व करने वाली संस्था जमीअत उलमा ने कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए इस बार भी जुलूस निकालने से इनकार कर दिया था।
पुलिस कमिश्र के मुताबिक व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर जुलूस निकालने का प्रचार करने वाले तंजीमों के नुमाइंदों ने सुबह 11:30 बजे छोटे बच्चों की टोली झंडों के साथ भेज दी। पुलिस ने सख्ती बरतते हुए इन्हें रोक दिया। धीरे-धीरे युवा पहुंचते गए और मजहबी नारे लगाते रहे। करीब एक बजे बड़ी संख्या में युवा यतीमखाना चौराहे पहुंच गए। कुछ लोगों ने समझाने की कोशिश की लेकिन किसी ने नहीं सुनी। करीब 1:50 बजे यतीमखाना से भीड़ निकली और सद्भावना चौकी पहुंच गई। कई बार पुलिस और भीड़ में नोकझोंक हुई। दोपहर दो बजे के बाद युवाओं की टोली नई सड़क की ओर निकल गई। भीड़ कम हो गई तो पुलिस ने राहत की सांस ली। सद्भावना चौकी पर दो एसीपी के नेतृत्व में फोर्स तैनात रही।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि परेड सद्भावना चौकी से छंटी भीड़ नई सड़क की ओर गई जरूर लेकिन कोई घर नहीं गया। उधर, रहमानी मार्केट-हलीम कॉलेज रोड पर पहले से लोग जमा थे। नई सड़क वाले लोग भी गलियों होते हुए बाबा स्वीट हाउस के पास पहुंच गए। कुछ ही देर में गलियों से सैकड़ों लोग निकल आए। जुलूस कंघी मोहाल, कर्नलगंज की संकरी गलियों में दाखिल हो गया। यहां गलियां ऐसी हैं कि फोर्स की तैनाती नहीं हो सकती। करीब तीन बजे जुलूस गुलाब घोसी मस्जिद पहुंचा।
पुलिस के मुताबिक गुलाब घोसी मस्जिद के पास पहुंची भीड़ मोहम्मद अली पार्क पहुंच गई। यहां पहले से ही लोग छोटे-छोटे झंडे लिए खड़े थे। मोहम्मद अली पार्क से जुलूस रवाना हो गया। चमनगंज, साफियाबाद मस्जिद, अजमेरी चौराहा होते हुए हलीम कॉलेज चौराहे पर पहुंच गया। यहां तैनात भारी पुलिस फोर्स टकराव टालती रही। भीड़ दलेलपुरवा की ओर निकल गई।
दलेलपुरवा पहुंचा जुलूस बांसमंडी, इफ्तिखाराबाद होते हुए लाटूश रोड निकल गया। यहां से मेस्टन रोड होते हुए भीड़ रामनारायण बाजार में दाखिल हुए लोग निकले। यहां अतिरिक्त फोर्स तैनात रही। शिवाला बाजार होते हुए हुजूम फूलबाग चौराहे पर पहुंच गया। फूलबाग चौराहे पर शहर काजी मुफ्ती साकिब मिस्बाही व शहर काजी हाफिज कुद्दूस हादी को मौके पर बुलाया गया। उनके आग्रह पर भीड़ हट गई। यहां एडिशनल पुलिस कमिश्नर (कानून व्यवस्था) आकाश कुलहरि फोर्स के साथ तैनात रहे।
शहर काजी हाफिज अब्दुल कुद्दूस हादी और हाफिज मामूर अहमद जामई परेड चौराहे पर पहुंचे और भीड़ को समझाया। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने जो भी कदम उठाया उसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। स्थानीय लोग युवाओं को समझाते-बुझाते रहे।
घंटों तक घूमते रहे जुलूस पर लोगों ने फूलों से बारिश की। मोहम्मद अली पार्क, नई सड़क, बांसमंडी, चमनगंज, तलाक महल, मेस्टन रोड आदि पर इस्तकबाल किया गया। रास्ते में कई स्थानों पर इनके बीच लंगर भी बांटा गया।
एमएम जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी ने कहा कि वह जश्न-ए-आमदे रसूल सप्ताह के अंतर्गत मंगलवार को सद्भावना चौकी परेड से कारवां-ए-रसूल निकालना चाहते थे। इस पर प्रशासन ने रोक लगा दी। ऐसे में विरोध करते हुए बेकनगंज में दादा मियां चारौहा पर सह उपायुक्त अनवरगंज अकमल खान को मांग पत्र सौंपा।
पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने कहा, 'धर्मगुरुओं की बैठक में जुलूस नहीं निकालने का फैसला हुआ था। सभी इस पर सहमत थे। फिर जुलूस निकाला गया। यह अत्यंत गैर जिम्मेदारीपूर्ण हरकत है। जिसके लिए दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।'
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