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स्कूल के मिड डे मील में शामिल हो सकता है अंडा, पायलट अभियान के तहत बन रही योजना
jantaserishta.com
13 April 2022 4:59 PM GMT
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बेंगलुरु. कर्नाटक में विरोध के बावजूद अधिकांश स्कूलों में चलने वाले मिड डे मील के मेन्यू में अगले सत्र से अंडा शामिल किया जा सकता है. नए प्रस्ताव के अनुसार जो अंडा नहीं खाएगा, उसको फल और या चीजें खाने के लिए दी जाएंगी. राज्य की बीजेपी सरकार दिसंबर 2021 से लेकर मार्च 2022 के बीच उत्तर कर्नाटक के 7 पिछड़े जिलों में पायलट अभियान के तहत मिड डे मील में दिए गए अंडों के इस अभियान को आगे बढ़ाने की योजना बना रही है. ऐसा बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए किया गया था.
हालांकि इस पायलट अभियान का विरोध भी विभिन्न समूहों ने किया है. इनमें लिंगायत समुदाय के प्रभावशाली लोग और जैन समुदाय के लोग भी शामिल हैं. लेकिन राज्य सरकार को बच्चों और उनके अभिभावकों की ओर से पॉजिटिव प्रतिक्रिया मिली है. इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा है कि जब यह प्रस्ताव पूरी तरह से तैयार हो जाएगा, तब इसे राज्य कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा. 6.50 रुपये प्रति अंडे का खर्च राज्य सरकार ही वहन करेगी. यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भी भेज दिया गया है.
अगर राज्य कैबिनेट इस प्रस्ताव को मंजूर कर लेती है तो कर्नाटक पहला बीजेपी शासित राज्य होगा, जहां स्कूल के मिड डे मील में अंडे परोसे जाएंगे. मिड डे मील का नाम बदलकर सितंबर 2021 में पीएम पोषण कर दिया गया था. यह केंद्र सरकार की योजना है. कर्नाटक से पहले असम में भी बीजेपी की सरकार में हर हफ्ते बच्चे को एक अंडा दिया जाता था. यह 2021-2022 में अनिवार्य था.
एक आधिकारिक सूत्र ने जानकारी दी है कि प्रस्ताव हर वैकल्पिक स्कूल के दिन बच्चों को अंडे उपलब्ध कराने का है. इस संबंध में आधिकारिक औपचारिकताएं अंतिम चरण में हैं. अगर हम एक बार में पूरे राज्य में इस योजना को लागू करने में असमर्थ हैं, तो भी सूची में और जिलों को जोड़ा जाएगा. प्रायोगिक पहल के कारण बच्चों में पोषण स्तर में सुधार देखने के लिए राज्य द्वारा एक अध्ययन किया गया था. इसके परिणाम आशाजनक हैं.'
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