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देवघर रोपवे हादसे का असर, 5000 लोगों पर रोजी रोटी का संकट
jantaserishta.com
17 April 2022 11:13 AM GMT
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देवघर: देवघर के त्रिकूट रोपवे हादसे के सात दिनों बाद जिला प्रशासन ने रोपवे को अनिश्चितकाल के लिए सील कर दिया है जिसके बाद आसपास के लोगों पर रोजगार खत्म होने का संकट मंडराने लगा है.
देवघर जिला के मोहनपुर प्रखंड क्षेत्र में त्रिकूट पर्वत पर हुए रोपवे हादसे में 63 पर्यटक ट्रॉलियों में फंसे हुए थे. तीन दिनों तक भारतीय वायु सेना के जवान, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और स्थानीय लोगों के द्वारा रेस्क्यू करके पर्यटकों को निकाला गया था जिसमें तीन की मौत भी हो गयी थी.
हादसे के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस घटना की जांच कराने की बात कही थी और अब त्रिकूट रोपवे को मोहनपुर बीडीओ और थाना प्रभारी प्रेम प्रदीप की उपस्थिति में सील कर दिया गया. साथ ही वहां सीसीटीवी कैमरा भी लगाया गया है. जब तक जांच टीम नही आती हैं तब तक रोपवे सेवा को बंद ही रखा जाएगा.
जांच टीम आने के बाद ही रोपवे सेवा फिर से शुरू हो पाएगी. हालांकि रोपवे सील होने के बाद स्थानीय लोगों को रोजी रोटी की चिंता सताने लगी है. त्रिकूट रोपवे से लगभग 5000 परिवार का भरण पोषण होता था लेकिन अब रोपवे को पूरी तरह बंद कर दिया गया.
स्थानीय दुकानदार, गाइड, फोटोग्राफर और जड़ी-बूटी बेचने वाले अचानक बेरोजगार हो गए और अब सभी को पेट की चिंता सताने लगी है. रोपवे को जांच के बाद ही खोलने की चर्चा है लेकिन अभी तक किसी तरह की जांच कमेटी का गठन नहीं किया गया है. ऐसे में रोपवे कब तक बंद रहेगा यह किसी को मालूम नहीं है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन को घटना के तुरंत बाद रोपवे को सील कर सातों दिनों के भीतर जांच पूरी करके सेवा को फिर से शुरू कर देना चाहिए था. उन्होंने कहा रोपवे को चालू नहीं किया गया तो 5 हजार परिवार भूखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे.
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