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शिक्षा समाज के लोगों की भावनाओं को समझने का जरिया है: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

jantaserishta.com
30 May 2023 9:39 AM GMT
शिक्षा समाज के लोगों की भावनाओं को समझने का जरिया है: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
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फाइल फोटो

लखनऊ (आईएएनएस)| एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना के युवा संगम कार्यक्रम के निमित्त मंगलवार को आईआईटी पलक्कड़ केरल व लक्षदीप के 45 विद्यार्थी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास, 5 कालिदास मार्ग पर मिले। यहां सबसे पहले मुख्यमंत्री ने सभी शिक्षकों व विद्यार्थियों से परिचय प्राप्त किया। 45 में से 35 केरल व 10 लक्षदीप के छात्र हैं। इनमें 25 छात्र व 20 छात्राएं शामिल रहीं। मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने उन्हें सफल जीवन के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। मुख्यमंत्री ने छात्रों से संवाद किया। साथ ही उनके मन की जिज्ञासाओं को भी शांत किया।
सीएम ने कहा कि पीएम मोदी की प्रेरणा से शिक्षा मंत्रालय ने यह अभिनव प्रयोग प्रारम्भ किया है। आप जिस केरल से आये हैं, वहीं से कई वषों पहले शंकराचार्य भी आये थे और उन्होंने चार मठ स्थापित किए थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षा समाज के लोगों की भावनाओं को समझने का जरिया है। ये नई शिक्षा नीति को ही परिलक्षित करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपमें से कई लोग पहली बार यूपी आये होंगे। कोई किसी भी राज्य का हो पर उनका भाव देश प्रेम का ही होगा। जब देश संकट में आता है तो सभी राज्य एक होकर खड़े हो जाते हैं।
कहा कि आपने उत्तर प्रदेश को देखा। केरल की तरह ही उत्तर प्रदेश भी देश की सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है। आबादी (25 करोड़) के लिहाज से यह देश का सबसे बड़ा राज्य है। यहां छह करोड़ मुस्लिम आबादी है। इसके बावजूद यहां न कर्फ्यू है और न ही दंगा। सीएम ने बताया कि छह वर्ष पहले तक यहां ऐसे हालात नहीं थे। धार्मिक अवसरों पर हिंसा होती थी। लोगों का पलायन होता था। 6 वर्षों में हमने इसे बदलने का प्रयास किया। इसमें युवाओं और आम लोगों का भी भरपूर साथ मिला है। इसी की वजह से आज उत्तर प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। सुरक्षा के लिये हमने हर जाति, मजहब से संवाद स्थापित किया। संवाद से ही सभी रास्तों का हल निकाला जाता है। सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों पर बिना भेदभाव कार्रवाई करते हैं। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आज 25-30 लाख लोग स्नान कर रहे होंगे। आज ही के दिन गंगा का स्वर्ग से धरती पर अवतरण हुआ। श्रद्धाभाव से आयोजन हो रहे, कोई समस्या नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में तकनीक का इस्तेमाल तेजी से शुरू हुआ है। इसके कारण रोजगार सुलभ हुए हैं। तकनीक के इस्तेमाल से भ्रष्टाचार भी कम हुआ है। आज डीबीटी के माध्यम से पूरा पैसा लाभार्थी को मिल रहा है। आज हम डिजिटल लेनदेन के दौर में पहुंच चुके हैं। सीएम ने सुझाव दिया कि जब हम कोई ट्रेड तय करते हैं, तभी लक्ष्य निर्धारित कर लें। 2 करोड़ युवाओं को हम टेबलेट अथवा स्मार्टफोन उपलब्ध करा रहे हैं, ताकि युवा तकनीक के साथ तालमेल बिठा सके। तकनीक के प्रयोग से लोगों में नया उत्साह दिख रहा है। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की शुरूआत हुई है, जो प्रदेश की तरक्की में सकारात्मक बदलाव है। यूपी में आज विकास हो रहा है। ओडीओपी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। 96 लाख एमएसएमई के माध्यम से प्रदेश में रोजगार की संभावनाएं कई गुना बढ़ गयी हैं। एक्सपोर्ट लगभग तीन गुना हो गया है। योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंच रहा है।
केरल व लक्षदीप के बच्चे योगी आदित्यनाथ से मिलकर फूले न समाए। बच्चों ने काफी उत्सुकता से मुख्यमंत्री से सवाल किए। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत के संन्यास का पहला धर्म सेवा है। हम सेवा को प्राथमिकता पर रखते हैं। धर्म का आशय कर्तव्य से है। कर्तव्य को सेवा से जोड़कर बढ़ाया है, इसलिए उत्तर प्रदेश विरासत का सम्मान कर तेजी से विकास के पथ पर बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों के प्रवास के सुखदायी होने की कामना की।
45 विद्यार्थियों का यह समूह 26 से 31 मई तक मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रयागराज में शैक्षणिक, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यटन के बारे में जानने आये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोगों ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ, गंगा आरती समेत लखनऊ, प्रयागराज के संग्रहालय-संगम समेत विभिन्न हिस्सों में भ्रमण किया। प्रयागराज विश्वविद्यालय में आपको वहां के प्रवक्ताओं के अनुभव भी जानने के अवसर मिले होंगे। निश्चित तौर पर आपको भविष्य में इसका लाभ मिलेगा। सीएम ने कहा कि आप उत्तर प्रदेश की विधानसभा को अवश्य देखें। यह देश की पहली पेपरलेस विधानसभा है। जल्द ही इसके 100 वर्ष पूर्ण हो जाएंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने उपस्थित छात्रों व प्रतिनिधियों को ओडीओपी के उत्पाद भी भेंट किए।
प्रतिनिधिमंडल में मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के कार्यवाहक निदेशक रवि प्रकाश तिवारी, शिक्षा मंत्रालय से सुरेंद्र नायक, अखिल भारतीय तकनीक शिक्षा परिषद के असिस्टेंट डायरेक्टर जॉन बी डब्लू आदि मौजूद रहे।
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