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शारदा ग्रुप ऑफ कंपनीज में ED की बड़ी कार्रवाई, CPM के पूर्व विधायक, पी चिदंबरम की पत्नी समेत चार की संपत्ति कुर्क

Admin2
5 Feb 2023 4:18 PM GMT
शारदा ग्रुप ऑफ कंपनीज में ED की बड़ी कार्रवाई, CPM के पूर्व विधायक, पी चिदंबरम की पत्नी समेत चार की संपत्ति कुर्क
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कोलकाता में प्रवर्तन निदेशालय ने शारदा ग्रुप ऑफ कंपनीज के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत चल रही जांच में 3.30 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 3 करोड़ रुपये से ज्यादा की अचल संपत्ति को अस्थाई रूप से कुर्क किया है. इन संपत्तियों का स्वामित्व शारदा ग्रुप और अन्य लोगों के पास था, जो ग्रुप द्वारा होने वाली 'अपराध की आय' के लाभार्थी थे. इन लाभार्थियों में पी चिदंबरम की नलिनी चिदंबरम, देवव्रत सरकार, पूर्व आईपीएस और सीपीएम के पूर्व विधायक देबेंद्रनाथ बिस्वास, असम में पूर्व मंत्री स्व. अंजन दत्ता के स्वामित्व वाली मैसर्स अनुभूति प्रिंटर्स और प्रकाशन शामिल हैं.
शारदा ग्रुप ने 2013 तक पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा में संचालन के साथ एक चिट फंड घोटाला चलाया. इस ग्रुप की कंपनी द्वारा जुटाए गए कुल रकम करीब 2459 करोड़ रुपए है, जिसमें से करीब 1983 करोड़ रुपये जमाकर्ताओं को ब्याज राशि को छोड़कर भुगतान नहीं किया गया है.
ईडी ने कोलकाता पुलिस और सीबीआई की एफआईआर के आधार पर 2013 में शारदा ग्रुप ऑफ कंपनीज के खिलाफ केस दर्ज किया था. इस मामले में ईडी अब तक करीब 600 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति कुर्क कर चुका है.
शारदा चिटफंड घोटाला पश्चिम बंगाल के एक बड़ा आर्थिक घोटाला है, जिसमें कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का हाथ होने का आरोप है. दरअसल, पश्चिम बंगाल की चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने आम लोगों के ठगने के लिए कई लुभावन ऑफर दिए थे. इस कंपनी की ओर से 34 गुना रकम करने का वादा किया गया था और लोगों से पैसे ठग लिए. बताया जाता है कि इस घोटाले में करीब 40 हजार करोड़ रुपये का हेर-फेर हुआ है. साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने भी सीबीआई को जांच का आदेश दिया था. साथ ही पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम पुलिस को आदेश दिया था कि वे सीबीआई के साथ जांच में सहयोग करें. इस कंपनी की स्थापना जुलाई 2008 में की गई थी. हालांकि देखते ही देखते ये कंपनी हजारों करोड़ की मालिक बन गई. आरोप लगाया जाता है कि इस कंपनी के मालिक सुदिप्तो सेन ने 'सियासी प्रतिष्ठा और ताकत' हासिल करने के लिए मीडिया में खूब पैसे लगाए और हर पार्टी के नेताओं से जान पहचान बढ़ाई.
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