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ED का बड़ा एक्शन: 4440 करोड़ की संपत्ति जब्त, खनन माफिया पर कसा शिकंजा

jantaserishta.com
15 Jun 2024 5:56 AM GMT
ED का बड़ा एक्शन: 4440 करोड़ की संपत्ति जब्त, खनन माफिया पर कसा शिकंजा
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इस ट्रस्ट का प्रबंधन, नियंत्रण और संचालन पूर्व एमएलसी और उनके परिवार द्वारा किया जाता है।
लखनऊ: दुबई में छिपे खनन माफिया पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल पर ED ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के लखनऊ जोनल कार्यालय ने शुक्रवार को सहारनपुर की ग्लोकल यूनिवर्सिटी की 4440 करोड़ रुपये मूल्य की 121 एकड़ भूमि और भवनों को अस्थाई तौर पर जब्त कर लिया। ये संपत्तियां अब्दुल वाहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर पंजीकृत हैं। इस ट्रस्ट का प्रबंधन, नियंत्रण और संचालन पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल और उनके परिवार द्वारा
किया जाता है।
यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत अवैध खनन मामले में की गई है। ईडी ने सहारनपुर जिले में अवैध खनन और पट्टाधारकों के लाइसेंस के अवैध नवीनीकरण के मामले में सीबीआई दिल्ली द्वारा भ्रष्टाचार समेत विभिन्न दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर यह दर्ज कर जांच शुरू की थी। खनन पट्टों के अवैध नवीनीकरण से संबंधित मामले में सीबीआई ने महमूद अली, दिलशाद, मोहम्मद इनाम, महबूब आलम (मृत्यु हो चुकी है), नसीम अहमद, अमित जैन, विकास अग्रवाल, मोहम्मद वाजिद मुकेश जैन और पुनीत जैन समेत कुछ सरकारी अधिकारियों और अज्ञात व्यक्तियों को नामजद किया था।
ईडी की जांच से पता चला कि सभी खनन फर्मों का स्वामित्व और संचालन मो. इकबाल ग्रुप के पास था। इकबाल ग्रुप की ये फर्में सहारनपुर और आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन में शामिल थीं। आईटीआर में दिखाई गई कम कमाई के बावजूद किसी व्यापारिक रिश्ते के इन फर्मों और समूह की कंपनियों के बीच करोड़ों का लेन-देन पाया गया। इसके साथ ही बड़ी धनराशि असुरक्षित ऋण और दान के रूप में कई फर्जी संस्थाओं और फर्जी लेनदेन के माध्यम से अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट सहारनपुर के बैंक खाते में भेज दी गई।
जांच में पता चला कि अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के सभी ट्रस्टी मो. इकबाल के परिवार के सदस्य हैं, जिसमें इकबाल खुद भी शामिल हैं। ट्रस्ट के फंड का उपयोग बाद में सहारनपुर में जमीन खरीदने और ग्लोकल यूनिवर्सिटी के लिए भवन के निर्माण में किया गया। अवैध खनन से कमाई गई लगभग 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम इस्तेमाल का जमीनें खरीदने और यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग बनाने में किया गया। इन संपत्तियों का वर्तमान बाजार मूल्य 4439 करोड़ है। मो. इकबाल फिलहाल फरार है। माना जा रहा है कि वह दुबई में छिपा है। उनके चार बेटे और भाई वर्तमान में जेल में बंद हैं। मामले में आगे की जांच अभी जारी है।
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