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ईडी का एक्शन, चीनी कंपनियों को दिया झटका

jantaserishta.com
29 Sep 2022 9:05 AM GMT
ईडी का एक्शन, चीनी कंपनियों को दिया झटका
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने चीनी कंट्रोल वाली कंपनियों के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई करते हुए उनके खातों में मौजूद 9 करोड़ रुपए फ्रीज कर दिए. इससे पहले ईडी ने Paytm, Easebuzz, Razorpay और Cashfree के बैंक खातों और वर्चुअल अकाउंट्स में रखे 46.67 करोड़ रुपए फ्रीज किए थे.
ईडी ने HPZ लोन ऐप के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग से मामले में कॉमिन नेटवर्क टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, मोबिक्रेड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, मैजिक डेटा टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, Baitu टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, Aliyeye नेटवर्क टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, Wecash टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, Larting प्राइवेट लिमिटेड, Magic Bird बर्ड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, Acepearl सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों के खातों से 9 करोड़ रुपए फ्रीज कर दिए.
ईडी नगालैंड पुलिस द्वारा पिछले साल दर्ज एफआईआर के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है. HPZ Token एप बेस्ड कंपनी है, जिसने यूजर्स को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर ज्यादा फायदा देने का वादा किया था. सबसे पहले यूजर्स को HPZ Token एफ द्वारा कंपनी में निवेश करने पर निवेश को दोगुना करने का लालच दिया गया था. यूजर्स से पेमेंट UPIs और अन्य पेमेंट गेटवे द्वारा लिया गया. शुरुआत में निवेशकों को आंशिक राशि का भुगतान भी किया गया. आरोप है कि बाकी राशि को विभिन्न भुगतान गेटवे और बैंकों के माध्यम से विभिन्न व्यक्तियों और कंपनी के खातों में ट्रांसफर कर दिया गया.
ईडी ने 14 सितंबर को दिल्ली, गाजियाबाद, लखनऊ, मुंबई, बिहार के गया समेत छह ठिकानों पर छापे मारे थे. इसके अलावा ईडी ने HPZ लोन ऐप के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद, जयपुर, जोधपुर और बेंगलुरु में पेमेंट कंपनी PayTM, Easebuzz, Razorpay और Cashfree के 16 ठिकानों पर छापेमारी की थी.
तलाशी अभियान के दौरान पाया गया कि ये नकली एड्रेस के आधार पर काम कर रही हैं. चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित संस्थाओं के मर्चेंट आईडी और बैंक खातों से 17 करोड़ रुपये की राशि जब्त की गई थी . तलाशी अभियान के दौरान पाया गया कि ये नकली एड्रेस के आधार पर काम कर रही हैं.
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