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नई दिल्ली। केजरीवाल को लेकर सीएम आवास से ED की टीम निकल गई है। दिल्ली के कथित शराब घोटाले में सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया है. लगातार 9 समन भेजने के बाद ईडी की टीम 10वें समन के साथ गुरुवार शाम केजरीवाल के घर पहुंची थी. यहां उनके आवास पर सीएम से दो घंटे की पूछताछ हुई. इस दौरान ईडी के संयुक्त निदेशक कपिल राज भी केजरीवाल के आवास पर मौजूद रहे. PMLA की धारा 50 के तहत केजरीवाल का बयान दर्ज किया गया.
#WATCH | Enforcement Directorate team takes Delhi CM Arvind Kejriwal to ED Headquarters.
— ANI (@ANI) March 21, 2024
He was arrested by ED in the Excice Policy Case. pic.twitter.com/WPkB1ciIBD
ईडी के जांच अधिकारी जोगेंद्र सीएम केजरीवाल से पूछताछ कर रहे थे. सूत्रों के मुताबिक, उनके घर की भी तलाशी ली गई थी. इस बीच केजरीवाल की लीगल टीम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने की बात कही थी. इस बीच दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज भी केजरीवाल के घर के बाहर पहुंचे और उन्होंने कहा था कि केजरीवाल को गिरफ्तार करने की तैयारी है. बता दें कि आज ही दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में अहम टिप्पणी करते हुए कहा था कि सीएम केजरीवाल को गिरफ्तारी से राहत नहीं है. इस बीच पंजाब के सीएम भगवंत मान ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, 'भाजपा की राजनीतिक टीम (ED) .,केजरीवाल की सोच को कैद नहीं कर सकती…क्योंकि AAP ही BJP को रोक सकती हैं.. सोच को कभी भी दबाया नहीं जा सकता'
#WATCH | On the arrest of Delhi CM Arvind Kejriwal by the ED, BJP MP Manoj Tiwari says, "In the end, whatever happened in this case should have happened in a case of corruption... Arvind Kejriwal betrayed and looted Delhi, by making use of hoaxes and lies to form the… pic.twitter.com/AqrkGaOu97
— ANI (@ANI) March 21, 2024
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने गिरफ्तार कर लिया है. गुरुवार देर शाम ईडी की टीम भारी फोर्स के साथ केजरीवाल के घर पहुंची थी. यहां तलाशी और पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. यह पहला ऐसा मामला है जब कोई मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए गिरफ्तार हुआ है. ऐसे में सवाल उठता है कि अब दिल्ली में आम आमदी पार्टी की सरकार का क्या होगा. यानी कौन सरकार चलाएगा. इसको लेकर आम आमदी पार्टी का स्पष्ट स्टैंड है कि अरविंद केजरीवाल जेल से सरकार चलाएंगे. यानी वह पद से इस्तीफा नहीं देंगे.
दरअसल, 2 नवंबर से 21 मार्च के बीच ED ने अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए 9 समन भेजे थे. लेकिन केजरीवाल कोई ना कोई बहाना बनाकर ED के सामने पेश नहीं हो रहे थे. वहीं जब उन्हें 9वां समन मिला तो वह इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे थे. उनके द्वारा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर मांग की गई थी कि अगर वह पूछताछ के लिए ED के सामने पेश होते हैं तो उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा दी जाए. हालांकि हाईकोर्ट से केजरीवाल को राहत नहीं मिली. अब गिरफ्तारी के खिलाफ आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंची है.
अब इस सवाल पर आते हैं कि क्या गिरफ्तारी के बाद अब अरविंद केजरीवाल जेल से सरकार चला सकते हैं? और क्या वो अब भी मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं? देश में ऐसा कोई कानून नहीं है, जो किसी पार्टी और मुख्यमंत्री को जेल से सरकार चलाने से रोकता हो. भारत के संविधान में भी इस पर स्थिति को स्पष्ट नहीं किया गया है. कानून में ये बताया गया है कि दोषी साबित होने से पहले कोई भी नेता जेल में रहते हुए मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद और विधायक बने रह सकता है और जेल से ही सरकार को भी चला भी सकता है. और इस हिसाब से अभी अरविंद केजरीवाल को जेल से दिल्ली की सरकार चलाने में कानूनी रूप से कोई परेशानी नहीं होगी.
आम आदमी पार्टी का साफ कहना है कि केजरीवाल जेल से ही दिल्ली सरकार चलाएंगे. आप नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक न्यूज एजेंसी को केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी की योजना के बारे में बताया. उन्होंने कहा, “यह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा तय किया जाएगा. लेकिन अगर पूरी पार्टी जेल में है तो सरकार और पार्टी जेल से ही चलेगी. और यही भाजपा चाहती है कि हर कोई जेल में हो. वे चाहते हैं कि मुफ्त शिक्षा, मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, मुफ्त तीर्थयात्रा, अस्पताल और मोहल्ला क्लीनिक बंद हो जाएं लेकिन अरविंद केजरीवाल ऐसा नहीं होने देंगे.”
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