महाराष्ट्र स्टेट कॉपरेटिव बैंक घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई की है। इस मामले में ईडी ने 65 करोड़ रुपए मूल्य की एक शुगर मिल को सीज़ किया है। ईडी के अधिकारियों ने गुरुवार को सतारा जिले के चिमनगांव-कोरोगांव इलाके में स्थित जारंदेश्वर चीनी मिल को अस्थायी रूप से सीज कर दिया। इस मामले में जांच एजेंसी की तरफ से यह पहली कार्रवाई है। न्यूज एजेंसी 'ANI' की रिपोर्ट के मुताबिक पूरे मामले के तार राज्य के डिप्टी सीएम अजीत पवार और उनकी पत्नी से भी जुड़े हो सकते हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस संबंध में जानकारी दी है कि कथित महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले के सिलसिले में धनशोधन रोधी कानून के तहत करीब 65 करोड़ रूपये मूल्य की एक चीनी मिल कुर्क की गयी है तथा उपमुख्यमंत्री अजीत पवार एवं उनकी पत्नी से जुड़ी एक कंपनी मामले में संलिप्त है।
ईडी ने कहा कि सतारा जिले में चिमनगांव-कोरेगांव में स्थित जरांदेश्वर सहकारी सुगर कारखाना (जरांदेश्वर एसएसके) की जमीन, भवन, ढांचे, संयंत्र और मशीनरी को कुर्क करने के लिए धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की संबंधित धाराओं के तहत अंतरिम आदेश जारी किया गया है। जांच एजेंसी ने कहा कि यह 65.75 करोड़ रूपये मूल्य की संपत्ति है और यह 2010 में उसका क्रयमूल्य था।
ईडी ने कहा,'' यह संपत्ति फिलहाल गुरू कमोडिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (एक कथित नकली कंपनी) के नाम से है और जरांदेश्वर एसएसके को पट्टे पर दी गयी है। स्पार्कलिंग स्वाइल प्राइवेट लिमिटेड का जरांदेश्वर सुगर मिल्स में बहुअंशधारिता है और जांच में सामने आया है कि पिछली कंपनी का संबंध महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और उनकी पत्नी सुनेत्र अजीत पवार से जुड़ी एक कंपनी से है।