तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के सांसद नामा नागेश्वर राव के घर और कार्यालय पर शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने छापेमारी की है। यह छापेमारी 1,064 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड से जुड़ी हुई है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शुक्रवार की सुबह ईडी की टीम ने सांसद के अलावा रांची एक्सप्रेस-वे लिमिटेड के निदेशकों के ठिकानों पर भी छापेमारी की है। बताया जा रहा है कि खम्माम सांसद नामा नागेश्वर राव के अलावा उनके बेटे पृथ्वी तेजा के ठिकानों पर भी यह छापेमारी हुई है। कुल 6 जगहों पर ईडी की टीम ने यह रेड डाली है। 'News 18' की एक खबर के मुताबिक इसमें जुब्ली हिल्स में स्थित मधुकॉन इन्फ्रा ऑफिस, रांची एक्सप्रेस-वे के CMD के श्रीनिवासन और निदेशक एन सेठिया के घरों के अलावा कई अन्य दफ्तर भी शामिल हैं।
यहां आपको बता दें कि साल 2019 में सीबीआई ने सबसे पहले एक एफआईआर मधुकॉन प्रोजेक्ट, मधुकॉन इन्फ्रा, मधुकॉन टॉली हाइवे और बैंक के कॉन्सॉर्टियम के ऑडिटर्स और अधिकारियों पर दायर की थी। जांच-पड़ताल में 1,151.60 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड का पता चला था। इसके बाद रांची एक्सप्रेस-वे लिमिटेड और इसके निदेशकों के खिलाफ साल 2020 में चार्जशीट दायर किया गया था।
कहा गया था कि मधुकॉन इन्फ्रा लिमिटेड के प्रोमोटर्स जिन्हें साल 2011 में फोर-लेन रोड प्रोजेक्ट के लिए अवार्ड मिला था, उन्होंने 264 करोड़ रुपए की हेराफेरी की थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि टीआरएस सांसद खुद बैंक लोन के गांरटर थे। सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) ने यह भी पाया था कि 1,029.39 करोड़ रुपए का लोन एक्सप्रेस-वे को दिया गया था लेकिन इस प्रोजेक्ट में कोई खास काम नहीं हुआ था। सीबीआई की जांच के आधार ईडी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।