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ED ने पूर्व चीफ इंजीनियर की अवैध कमाई का ब्योरा कोर्ट में किया पेश, हुआ ये खुलासा

jantaserishta.com
22 April 2023 5:03 AM GMT
ED ने पूर्व चीफ इंजीनियर की अवैध कमाई का ब्योरा कोर्ट में किया पेश, हुआ ये खुलासा
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39.28 करोड़ की संपत्तियां जब्त कर ली थीं।
रांची (आईएएनएस)| झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम के खिलाफ ईडी ने शुक्रवार को रांची स्थित पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट में प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट (पीसी) दाखिल किया है। इसमें उनकी अवैध कमाई के जरियों का जिक्र किया गया है। यह भी बताया गया है कि उसकी अवैध कमाई का हिस्सा किन-किन के बीच बंटता था।सरकारी टेंडर मैनेज करने वाले लोगों और अवैध तरीके से कमाई गई रकम को छिपाने के लिए अपनाए गए तौर तरीकों की जानकारी भी ईडी ने कोर्ट को दी है। गौरतलब है कि ईडी ने बीते 21-22 फरवरी को ईडी ने उनके 24 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इस दौरान 25 लाख रुपए कैश और डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा के गहने बरामद किए गए थे। उन्हें ईडी ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। तब से वह रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं। ईडी की इस कार्रवाई के बाद झारखंड सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था।
बीते 19 अप्रैल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनकी 39.28 करोड़ की संपत्तियां जब्त कर ली थीं। इनमें रांची के अलावा दिल्ली, जमशेदपुर और अन्य स्थानों पर स्थित उनके मकान, बंगले और भू-खंड भी हैं।
ईडी ने अपनी अस्थायी जब्ती रिपोर्ट में बताया है कि बीरेंद्र राम अपने कमीशन की मोटी रकम हवाला के माध्यम से दिल्ली भिजवाते थे। रिपोर्ट के अनुसार, कमीशन में मिले पांच करोड़ रुपये जमशेदपुर से दिल्ली हवाला के माध्यम से पहुंचे थे। दिल्ली में बीरेंद्र राम के चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल ने रुपये को खपाने का पूरा इंतजाम किया था। हवाला कारोबारी रवि वाधवानी ने जमशेदपुर से अपने सहयोगी के माध्यम से पांच करोड़ रुपये दिल्ली मंगा कर दिल्ली में चांदनी चौक पर उक्त राशि लेने के बाद उसे मुकेश मित्तल तक पहुंचाया था।
ईडी ने जांच में यह भी पाया है कि बीरेंद्र राम ने अपनी काली कमाई को छुपाने के लिए कई हथकंडों का सहारा लिया था। मसलन उसने टेंडर आवंटन के बदले मिलने वाले कमीशन को अपने परिवार और बेटों की आमदनी के रूप में दिखाना शुरू किया था। इसके लिए अपने चार्टर्ड एकाउंटेंट के सहयोग से बेटों और खुद हिन्दू अनडिवाइडेड फैमिली का कर्ता बनकर उसने इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना शुरू किया। इस आमदनी के लिए कोई दस्तावेज न देना पड़े इसलिए उसने आयकर अधिनियम की धारा 44 एडी का सहारा लिया। बीरेंद्र राम ने दिखाना शुरू किया कि उसके बेटों ने स्कूल और कॉलेज के दिनों से ही कंप्यूटर जॉब और ट्यूशन पढ़ाकर कमाई शुरू कर दी थी। उनके बैंक खातों में दिखाये गये रिटर्न से कहीं ज्यादा नकद राशि जमा की गयी थी।
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