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नई दिल्ली: राशन घोटाला मामले में शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में छापेमारी करने पहुंची ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की टीम पर टीएमसी नेता के समर्थकों की भीड़ ने हमला कर दिया. 800-1000 लोगों की भीड़ ने ईडी अधिकारियों के साथ-साथ केंद्रीय सुरक्षाबल के जवानों को भी निशाना बनाया और गाड़ियों में तोड़फोड़ …
नई दिल्ली: राशन घोटाला मामले में शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में छापेमारी करने पहुंची ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की टीम पर टीएमसी नेता के समर्थकों की भीड़ ने हमला कर दिया. 800-1000 लोगों की भीड़ ने ईडी अधिकारियों के साथ-साथ केंद्रीय सुरक्षाबल के जवानों को भी निशाना बनाया और गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी.
ईडी अधिकारियों पर हमले के पीछे का मास्टरमाइंड टीएमसी नेता सहजहान शेख को माना जा रहा है. अब ईडी ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए टीएमसी नेता सहजहान के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है. जांच एजेंसी ने इस नोटिस को सभी हवाईअड्डे और बीएसएफ के साथ भी साझा किया है. घटना के बाद से सहजहान फरार है. जांच एजेंसी की शिकायत के आधार पर आरोपी टीएमसी नेता के खिलाफ शिकायत दर्ज कर लुकआउट नोटिस जारी किया है.
ये घटना उस वक्त की है जब ईडी की टीम राशन घोटाला मामले की जांच के संबंध में टीएमसी नेता सहजहान शेख के आवास पर छापेमारी करने पहुंची थी. इसी दौरान सहजहान के समर्थकों ने ईडी के अधिकारियों पर हमला कर उनके वाहनों को निशाना बनाया. हमले में 3 अधिकारियों को गंभीर चोटें लगी हैं. अधिकारियों ने बताया कि भीड़ ने उनका मोबाइल फोन, नकदी, पर्स, लैपटॉप भी छीन ले गए. साथ ही भीड़ ने ईडी की टीम के साथ मौजूद सीआरपीएफ के जवानों को भी निशाना बनाया.
ईडी की टीम को निशाना बनाए जाने के बाद पश्चिम बंगाल में राजनीति भी गरमा गई है. कांग्रेस और बीजेपी लगातार शुक्रवार से कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रहे हैं, जबकि भाजपा नेता का कहना कि सहजहान शेख का हाल भी ममता के करीब अनुब्रत मंडल जैसा होगा.
सत्तारूढ़ टीएमसी ने आरोपों को खारिज करते हुए आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों को उकसाया.सहजहान को राज्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का करीबी सहयोगी बताया जाता है. ज्योतिप्रिय मल्लिक को करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया जा चुका है.
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