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ED का एक्शन, नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने वाले दो कारोबारियों की सम्पत्तियां कुर्क
jantaserishta.com
15 March 2022 12:17 PM GMT
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नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने कोविड की दूसरी लहर के दौरान कालाबाजारी करने वाले गुजरात के दो व्यापारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. दरअसल ये कार्रवाई COVID-19 संकट के दौरान नकली रेमेडिसविर इंजेक्शन बेचने पर की है. लिहाजा दोनों कारोबारियों की एक करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अधिकारियों ने बताया कि कोविज की दूसरी लहर के दौरान नकली रेमेडिसिविर इंजेक्शन बेचने के लिए गुजरात के दो लोगों की एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है. ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act) के तहत गुजरात के कौशल महेंद्र भाई वोरा और पुनीत गुणवंतलाल शाह की 1.04 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. दोनों पर मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में नकली रेमेडिसविर इंजेक्शन बेचने का आरोप है. ईडी के अधिकारियों ने बताया कि कोविड संकट के दौरान इन दोनों आरोपियों ने अत्यधिक कीमत पर इंजेक्शन बेचे.
ईडी ने पहले आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. इसके बाद जांच में ये पाया गया कि इन इंजेक्शनों की आपूर्ति गुजरात के सूरत से हुई थी. गुजरात की मोरबी पुलिस ने सूरत की मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के कई आरोपियों पर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के संबंध में FIR दर्ज की थी.
ईडी ने बताया कि संदिग्ध लोगों ने नकली इंजेक्शन मध्य प्रदेश के कई थोक विक्रेताओं, खुदरा ग्राहकों और अस्पतालों को बेचे. इसके अलावा मध्य प्रदेश की इंदौर पुलिस ने इंदौर में नकली रेमेडिसविर इंजेक्शन बेचने का प्रयास करने वाले कुछ व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. ईडी के अनुसार आरोपी एक प्रतिष्ठित ब्रांड की तरह दिखने वाले नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का निर्माण करते पाए गए.
ईडी ने कहा कि ब्रांडेड इंजेक्शन की तरह दिखने वाली बोतले में नकली रेमेडिसविर इंजेक्शन का निर्माण किया जा रहा था. आरोपियों ने ब्रांडेड स्टीकर का इस्तेमाल कर बोतलों में ग्लूकोज और नमक मिलाकर लिक्विड तैयार किया. मोरबी पुलिस ने सूरत में फार्महाउस पर छापेमारी के दौरान खाली बोतलें, बड़ी मात्रा में ग्लूकोज और नमक, पैकिंग सामग्री, नकली स्टिकर और अन्य कच्चा माल जब्त किया था.
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