कोरोना वायरस को मात देने के लिए सरकारों द्वारा तमाम दावे किए जा रहे हैं, लेकिन कहीं ना कहीं सिस्टम की पोल खुल जा रही है. गुरुवार को मध्य प्रदेश के खंडवा में कुछ ऐसा ही हुआ, राज्य सरकार में वन मंत्री विजय शाह यहां पर कुछ एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाने पहुंचे, लेकिन इसी वक्त पर एम्बुलेंस चल ही नहीं पाई. हाल ये हुआ कि मंत्री समेत वहां मौजूद लोगों ने एम्बुलेंस को धक्का लगाया, लेकिन एम्बुलेंस धोखा दे गई.
बवाल के बाद नई एम्बुलेंस की बुकिंग
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस पूरी घटना के बाद मंत्री विजय शाह ने जानकारी दी कि जो दो एम्बुलेंस लाई गई थीं, वो काफी पुरानी थीं और 2004 में बनी हुई थीं. यही कारण रहा कि एम्बुलेंस स्टार्ट नहीं हो सकी, अब हमने इन्हीं हरी झंडी नहीं दिखाई है. मंत्री के मुताबिक, अब नई एम्बुलेंस के लिए ऑर्डर दिया गया है. अधिकारियों को पहले ही इन एम्बुलेंस को चेक करना चाहिए था. पुरानी एम्बुलेंस को वापस डीलर के पास भेज दिया गया है.
कोरोना संकट के इस वक्त में जब सरकारों पर सवाल खड़े हो रहे हैं, तब ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं. बीते दिनों बिहार में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने पुरानी एम्बुलेंस को नया बताकर फिर से फीता काट दिया था, जिसपर बवाल हुआ था. बता दें कि मध्य प्रदेश इस वक्त कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है, हालांकि पिछले कुछ दिनों में नए केसों की संख्या कुछ कम हुई है. बीते दिन भी राज्य में 5 हज़ार से कम केस दर्ज किए गए हैं. मध्य प्रदेश में अब भी 72 हज़ार से ज्यादा एक्टिव केस हैं, जबकि राज्य में कुल मौतों की संख्या सात हज़ार को पार कर चुकी है.