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लाहौल-स्पीति और किन्नौर में भूकंप के झटके, तीव्रता 2.8

Rani Sahu
3 Jan 2022 3:41 PM GMT
लाहौल-स्पीति और किन्नौर में भूकंप के झटके, तीव्रता 2.8
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देश एक तरफ वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) से जूझ रहा है

देश एक तरफ वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) से जूझ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ, हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति (Lahaul-Spiti) में दो बार भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप के चलते क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया. घरों में बैठे लोग बाहर निकल गए और सुरक्षित स्थानों पर जाकर खड़े हुए. कहीं से जान माल के नुकसान की सूचना नहीं है. लगातार आ रहे भूकंप के झटकों से लोग दहशत में जरूर हैं. इनकी रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता क्रमश 2.6 और 2.5 रही. हालांकि, यह भूकंप रात में आए थे, तो काफी लोगों को इसका पता ही नहीं चल सका. भारतीय मौमस विभाग ने भूकंप की पुष्टि की है.

भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, लाहौल स्‍पीति में दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए. पहली बार रात 12 बजकर 29 मिनट पर किन्नौर में भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 2.6 थी. इसका स्‍थान जिला मुख्‍यालय से 5 किलोमीटर गहराई पर नाको इलाके में था. इसके बाद सुबह 2 बजकर 22 मिनट पर एक बार फिर भूकंप के झटके लगे. इसकी तीव्रता 2.5 थी. वहीं, इसका केंद्र लाहौल-स्‍पीति से 10 किलोमीटर की गहराई पर धर चाओचोधन में था.
इन तारीखों को भी हिली यहां धरती
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में लगातार पिछले कुछ दिनों से भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं, इससे पहले कुल्लू जिला में 28 दिसंबर को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसकी गहराई 10 किलोमीटर थी और रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 2 पॉइंट 3 मापी गई थी, जब इससे पहले मंडी जिला में 26 दिसंबर को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, इसकी गहराई 5 किलोमीटर तक थी और रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 2.8 आंकी गई थी.
वहीं, 22 दिसंबर को मंडी में 3.4 तीव्रता का भूकंप आया था. यह झटके सुबह 6 बजकर 7 मिनट पर महसूस किए गए थे. यह भूकंप काफी तीव्र गति का था. गनीमत ये रही कि इसकी वजह से जान या माल का कोई भी नुकसान नहीं हुआ था. इससे पहले हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में तीव्रता 2.9 का भूकंप आया था. भूकंप का केंद्र जमीन से पांच किमी नीचे था. वहीं, हिमाचल प्रदेश में पिछले साल 24 नवंबर को चार बार भूंकप आया था. मंडी और शिमला में यह झटके लगे थे. खास बात है कि शिमला में लगातार तीन बार धरती हिली थी. हालांकि इस दौरान किसी भी तरह के जानमाल की हानि नहीं हुई थी.
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