लद्दाख। लेह, लद्दाख में मंगलवार को सुबह साढ़े 05:39 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। सुबह के समय आए भूकंप ने लोगों की नींद उड़ा दी। लोग डरकर घरों से बाहर निकल गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि लेह, लद्दाख में 3.4 की तीव्रता के झटके लगे हैं। पृथ्वी के अंदर 7 …
लद्दाख। लेह, लद्दाख में मंगलवार को सुबह साढ़े 05:39 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। सुबह के समय आए भूकंप ने लोगों की नींद उड़ा दी। लोग डरकर घरों से बाहर निकल गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि लेह, लद्दाख में 3.4 की तीव्रता के झटके लगे हैं।
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।