पश्चिम बंगाल। बंगाल की खाड़ी में सोमवार की रात भूकंप के झटके महसूस किए गए. इस दौरान रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.4 मैग्नीट्यूड दर्ज की गई. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, सोमवार की रात 1 बजे आए भूकंप का केंद्र 70 किमी गहराई में था.
इससे पहले अफ्रीकी देश मोरक्को में 9 सितंबर की सुबह आए भूकंप ने भीषण तबाही मचा दी. यहां धरती में हुए कंपन के बाद कई इमारतें ढह गईं, जिसमें 2100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.8 थी. रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है. भूकंप इतना जोरदातर था कि उसका असर मराकेश से करीब 350 किलोमीटर दूर राजधानी रबात में भी महसूस किया गया. धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं. एकदूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है. इसे ही भूकंप कहते हैं. भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं. जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं.
रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है. भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपीसेंटर से नापा जाता है. यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है. 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है. 9 यानी सबसे ज्यादा. बेहद भयावह और तबाही वाली लहर. ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं. अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है.