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डीयू: गेस्ट टीचर्स का अनुभव मान्य नहीं, स्थाई नियुक्तियों में मिलती वरीयता नहीं

jantaserishta.com
9 Jan 2023 10:34 AM GMT
डीयू: गेस्ट टीचर्स का अनुभव मान्य नहीं, स्थाई नियुक्तियों में मिलती वरीयता नहीं
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| दिल्ली विश्वविद्यालय में 4 हजार से अधिक अतिथि शिक्षक हैं। वहीं अलग-अलग कॉलेजों में टीचर्स की स्थायी शिक्षकों की नियुक्तियां चल रही है। हालांकि इन नियुक्तियों में इन 4000 गेस्ट टीचर्स के शिक्षण अनुभव को कोई वरीयता नहीं दी जा रही है। डीयू के शिक्षक संगठनों ने गेस्ट टीचर्स के अनुभव को मान्यता प्रदान करने की मांग की है। शिक्षक संगठनों ने यूजीसी से कहा है कि विश्वविद्यालय के विभागों व संबद्ध कॉलेजों में पढ़ा रहे 4 हजार से अधिक अतिथि शिक्षकों को स्थायी नियुक्तियों के समय वरीयता दी जाए। फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने इसके लिए बकायदा यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम.जगदीश को पत्र लिखा है।
यूजीसी से मांग की गई है कि वह नियुक्ति और प्रमोशन के समय अतिथि शिक्षकों को शिक्षण अनुभव का लाभ देते हुए नियुक्ति की जाए। शिक्षकों के बता दे अतिथि शिक्षकों को शिक्षण अनुभव का लाभ देने के लिए यूजीसी व शिक्षा मंत्रालय को गाइडलाइंस में बदलाव करना होगा क्योंकि वर्तमान नियमों के तहत अतिथि शिक्षकों का शिक्षण अनुभव को वरीयता नहीं दी जाती।
फोरम ने बताया है कि जिस तरह से दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में स्थायी नियुक्ति के समय एडहॉक टीचर्स के शिक्षण अनुभव को जोड़ा जाता है उसी तरह से अतिथि शिक्षकों को भी नियुक्ति व प्रमोशन में वरीयता मिले। स्थायी नियुक्तियों के समय अतिथि शिक्षकों के शिक्षण अनुभव को कोई भी शिक्षण संस्थान वरीयता नहीं देते हैं। इन शिक्षकों का कहना है कि उनकी योग्यता किसी भी स्तर पर कम नहीं है। उनका यह भी कहना है कि यूजीसी ने 2019 के बाद अतिथि शिक्षकों की नियुक्तियों में स्थायी नियुक्ति की भांति सलेक्शन कमेटी बिठाने संबंधी अधिसूचना जारी की हुई है और उसी के तहत अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है।
फोरम ने बताया है कि अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति, नए नियमों के अनुसार एडहॉक टीचर्स से ज्यादा पेचीदा हैं। नए नियमों के अनुसार अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के समय दो विषय विशेषज्ञ (सब्जेक्ट्स एक्सपर्ट) ऑब्जर्वर ,वाइस चांसलर नॉमिनी , विभाग प्रभारी और प्रिंसिपल सलेक्शन कमेटी में बैठते हैं। वहीं एडहॉक टीचर्स की नियुक्ति में कॉलेज प्रिंसिपल, विभाग प्रभारी , वरिष्ठ शिक्षक व ऑब्जर्वर ही नियुक्ति करते हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय में दो तरह की गेस्ट फैकल्टी है एक जो प्रिंसिपल के द्वारा नियुक्ति होती है, जिसे अधिकतम 25 हजार रुपये दिए जा सकते हैं और दूसरे वह जिसमें यूजीसी द्वारा जनवरी 2019 के बाद आई अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी गाइडलाइंस जिसके अंतर्गत 50 हजार रुपये तक दिए जा सकते हैं।
फोरम के चेयरमैन प्रोफेसर हंसराज सुमन के मुताबिक दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में दोनों तरह के अतिथि शिक्षक है जबकि स्कूल ऑफ लनिर्ंग (एसओएल) व नॉन कॉलेजिएट वीमेंस एजुकेशन बोर्ड (एनसीवेब) में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों को एक सेमेस्टर में 25 दिन दिए जाते हैं जिसमें प्रति दिन 2 क्लासेज लेनी पड़ती है ,वहीं दूसरे सेमेस्टर में भी यहीं नियम है। लेकिन एसओएल में एक सेमेस्टर में 20 क्लासेज दी जाती है। इन दोनों स्थानों पर यूजीसी के नियमानुसार 1500 रुपये प्रति लेक्च र के हिसाब से मानदेय दिया जाता है।
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