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दिल्ली विश्वविद्यालय: यूजी पाठ्यक्रमों में अभी भी खाली हैं 5000 सीटें

jantaserishta.com
27 Aug 2023 10:31 AM GMT
दिल्ली विश्वविद्यालय: यूजी पाठ्यक्रमों में अभी भी खाली हैं 5000 सीटें
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नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के लिए सीट आवंटन का साइकल लगभग पूरा होने के बावजूद यूजी पाठ्यक्रमों की करीब 5000 सीटें खाली रह गई हैं। खाली रह गई इन सीटों को विशेष स्पॉट राउंड के जरिए भरा जा सकता है।
सीट आवंटन के तीसरे दौर के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों की कुल करीब 71,000 स्नातक सीटों में से 65,900 से अधिक सीटों पर दाखिले पूरे हो गए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के दाखिला विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय में अब तक 65,937 दाखिले हो चुके हैं। यानी विश्वविद्यालय के अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में करीब 5000 सीटें अभी भी खाली हैं।
दाखिला प्रक्रिया में शामिल विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि खाली रह गई सीटों को भरने के लिए जल्द ही एक स्पॉट राउंड आयोजित किया सकता है। हालांकि अभी स्पॉट राउंड की तारीखों को लेकर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय का नया सत्र 16 अगस्त से शुरू हो गया है। नया सत्र अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रम प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए है। डीयू में कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (सीएसएएस) के माध्यम से यूजी दाखिले प्रदान किए जा रहे हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय ने 78 अंडर ग्रेजुएट और 198 बीए पाठ्यक्रम का प्रोग्राम छात्रों के लिए उपलब्ध कराया है। दिल्ली विश्वविद्यालय समेत देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अंडरग्रेजुएट दाखिले सीयूईटी रिजल्ट के आधार पर हो रहे हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय में अंडरग्रेजुएट दाखिले 'कॉमन सीट अलोकेशन सिस्टम (सीएसएएस) पोर्टल' के जरिए हो रहे हैं। पहले चरण में सीयूईटी की परीक्षा दे चुके छात्र इस पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया। बाद में छात्र सीयूईटी में अर्जित किए गए अंकों का विवरण दिया जिसके आधार पर उन्हें कॉलेज और पाठ्यक्रम आवंटित हुए हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय का कहना है कि अभी तक दिए गए दाखिलों में से अधिकतर दाखिले बीकॉम (ऑनर्स), बीकॉम, बीए (ऑनर्स) राजनीति विज्ञान, बीए (ऑनर्स) अर्थशास्त्र, और बीए (ऑनर्स) अंग्रेजी कार्यक्रमों में हुए हैं। वहीं खेल कोटा में 1,544 सीटें, अन्य गतिविधियों के लिए 886 सीटें, सशस्त्र बलों शहीदों की विधवाओं के बच्चों को 3,117 सीटें आवंटित की गई हैं।
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