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डीएसपी हत्याकांड: अंडरग्राउंड हुए खनन माफिया

Nilmani Pal
21 July 2022 2:02 AM GMT
डीएसपी हत्याकांड: अंडरग्राउंड हुए खनन माफिया
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हरियाणा। हरियाणा के तावडू (नूंह) में डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई की हत्या के बाद अवैध माइनिंग माफिया अंडरग्राउंड हो गए हैं. वहीं, डीएसपी की निर्मम हत्या के बाद से नूंह-मेवात में अवैध माइनिंग को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं.

सिर्फ तावडू के पंचगाव में ही अवैध माइनिंग को अंजाम नहीं दिया जा रहा. बल्कि मेवात और राजस्थान के सीमावर्ती गावों में डिमार्केशन नहीं होने के कारण बड़ी मात्रा में अवैध खनन किया जा रहा है. मेवात अवैध खनन के मामले में माइनिंग माफियाओं से आधिकारियों की मिलीभगत की बातें भी सामने आ रही हैं. इससे पहले 2015, 2016, 2017 और 2018 में भी एक नामचीन शख्स का नाम अवैध खनन में सामने आ चुका है. हालांकि उस शख्स के खिलाफ सीधे तौर पर मामला कभी दर्ज नहीं किया गया. बता दें कि खनन माफिया ने 19 जुलाई की दोपहर डंपर से कुचलकर डीएसपी की बेरहमी से हत्या कर दी थी. डीएसपी तावडू हिल इलाके में छापेमारी करने गए थे. उन्होंने अवैध तरीके से पत्थर लेकर आ रहे डंपर को हाथ देकर रोकने का इशारा किया, लेकिन गाड़ी की स्पीड तेज करते हुए ड्राइवर उन्हें कुचल दिया.

मेवात के महूं, बडेड, तिगांव, रवा, बघोला, घाटा शमशाबाद, बसईमेव, नहारिका, चित्तौड़ा, घिमरावट, जैसे हरियाणा के सीमावर्ती इलाकों में धड़ल्ले से अवैध खनन जारी है. अवैध माइनिंग के इस काले काम में अधिकारियों की मिलिभगत के आरोप भी लगते रहे हैं. डीएसपी की हत्या के आरोपी ड्राइवर मित्तर पुत्र इशाक को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने मित्तर को भरतपुर जिले के थाना पहाड़ी इलाके से पकड़ा है. आरोपी गंगोरा गांव में मिला है. हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने इस संबंध में जानकारी दी है. पुलिस ने बताया कि आरोपी मित्तर के खिलाफ जिला भरतपुर के थाना सदर टौरू में प्राथमिकी भी दर्ज की गई है. घटना में डीएसपी का निजी स्टाफ और 4 पुलिस कर्मचारी बाल-बाल बचे थे. स्थानीय थाने के SHO ने बताया कि डीएसपी सिर्फ स्टाफ के साथ गए थे. उनके साथ पुलिस फोर्स नहीं थी. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि डीएसपी अपने आधिकारिक वाहन के पास खड़े थे, उन्होंने लगभग 12:10 बजे अवैध खनन करने वाले एक वाहन को रुकने के लिए कहा तो डंपर चालक ने उन्हें रौंद दिया.

आंकड़ों पर डालें तो 2019 में मनोहर सरकार ने अवैध खनन रोकने के लिए स्पेशल इंफोर्समेंट टीम का गठन किया गया था, जिसके बाद अवैध खनन से जुड़े काले कारोबारियों में हड़कंप मच गया था. इस स्पेशल इंफोर्समेंट टीम ने नवंबर 2019 से मार्च 2022 तक ओवर लोडिंग डंफरों,अवैध खनन से पत्थरों की ढुलाई कर रहे काले कारोबारियों की 2363 गाड़ियों को जब्त कर जुर्माने के तौर पर करोड़ों रुपये वसूले थे.

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