यूपी। एसटीएफ ने प्रतिबन्धित नशीली दवाओं की अपने देश लेकर अमेरिका तक ऑनलाइन बिक्री कर करोड़ों रुपये की कमाई कर रहे गिरोह के तीन तस्करों को टेल्को के पास गिरफ्तार किया है। शुक्रवार को तीनों लोग कुरियर के जरिये प्रतिबन्धित दवाओं को अमेरिका भेजने जा रहे थे, तभी एसटीएफ ने इन्हें पकड़ लिया। ये लोग डार्क वेब के जरिये इन नशीली दवाओं के खरीदारों का मोबाइल नम्बर पता कर लेते थे, फिर उनसे सम्पर्क कर 400 रुपये की दवा 300 डॉलर में बेचते है। नशीली दवाएं अमीनाबाद और दिल्ली की दवा मार्केट में विक्रेताओं की साठगांठ से खरीदी जाती है। तीनों के पास प्रतिबन्धित नशीली 13,500 गोलियां (ट्रामाडॉल) बरामद हुई हैं। गिरोह के सरगना का पता लगाया जा रहा है।
एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार तस्करों में डालीगंज निवासी साहिल उर्फ हैदर अली उर्फ साहिल मुखौटा, हसनगंज, ब्रह्मनगर निवासी अब्दुला सुहैल उर्फ अंधा और मदेयगंज नई बस्ती निवासी मो.एनफ उर्फ दानिश उर्फ दानिश कालिया हैं। ये लोग अंतराष्ट्रीय स्तर पर नशीली दवाओं की तस्करी कर रहे थे।
डिप्टी एसपी ने बताया कि साहिल व अब्दुला डार्क वेब और व्हाईट वेब के जरिये भारत व अमेरिका समेत कई देशों के ग्राहकों का पूरा डाटा पता कर लेते थे। फिर टेक्सट नॉउ, सेकेण्ड लाइन जैसे ऐप से इनके वर्चुअल नम्बर पता कर इन ग्राहकों से सम्पर्क कर लेते थे। जिन्हें प्रतिबन्धित नशीली दवाओं की जरूरत होती थी, उनसे कैशी, वेनमो, पेयपॉल एप से भुगतान लेने के बाद नशीली दवाएं उन तक पहुंचा देते थे।
डिप्टी एसपी दीपक सिंह ने बताया कि गिरोह के लोग 400 रुपये की नशीली दवाओं को साठगांठ कर खरीदते, फिर इन्हें करीब 300 डॉलर (करीब 22 हजार रुपये) में बेचते थे। इन तीनों ने पूछताछ में कई और महत्वपूर्ण जानकारियां दी है। इस आधार पर आगे की पड़ताल की जा रही है। इस मामले में चिनहट कोतवाली में एफआईआर दर्ज करायी गई है। एसटीएफ इस मामले में कई और लोगों की तलाश कर रही है।