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ड्रग केस: 60 दिन के अंदर नहीं दाखिल हुई चार्जशीट, एक दिन हुआ लेट, फिर...
jantaserishta.com
10 July 2021 10:28 AM GMT
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नियमानुसार आरोपी ऐसे मामले में जमानत के लिए अधिकारी हो जाता है.
मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट (special court in Mumbai) ने ड्रग केस (drug case) के एक आरोपी को इसलिए जमानत प्रदान कर दी क्योंकि इस मामले में जांच कर रही जांच एजेंसी ने समय से चार्जशीट (charge sheet) दाखिल न करके एक दिन लेट दाखिल की थी.
नचिकेत बोरकर (Nachiket Borker) नागपुर का रहने वाला है, जिसे मुंबई पुलिस की एंटी नार्कोटिक सेल (Anti Narcotic Cell) ने भारी मात्रा में ड्रग के साथ अरेस्ट किया था. जिन धाराओं में नचिकेत को अरेस्ट किया गया था उसके हिसाब से उसे अधिकतम दस साल की सजा हो सकती थी, इस केस में नियम अनुसार जांच एजेंसी को 60 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल कर देनी थी, लेकिन मुंबई पुलिस ने तय तारीख को चार्जशीट दाखिल न करके एक दिन लेट की.
नियमानुसार आरोपी ऐसे मामले में जमानत के लिए अधिकारी हो जाता है. इसी आधार पर नचिकेत के वकील ने कोर्ट में जमानत याचिका फाइल कर दी. आरोपी नचिकेत के वकील ने कोर्ट से कहा कि 38 साल के आरोपी नचिकेत को 7 मई को अदालत के सामने पेश किया गया था. इस हिसाब से 5 जुलाई को चार्जशीट दाखिल हो जानी चाहिए थी. लेकिन चार्जशीट 6 जुलाई को जमा की गई. 5 जुलाई के दिन 60 दिन पूरे हो जाते हैं, इसलिए आरोपी को बेल मिल जानी चाहिए.
स्पेशल जज वीवी पाटिल ने चार्जशीट के बारे में जानकारी ली, उन्हें सूचित किया गया कि 6 जुलाई के 11:35 Am तक कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है. इसपर सरकारी वकील ने कहा कि कोर्ट में जिस दिन आरोपी को पेश किया गया था उस तारीख को नहीं गिना जाना चाहिए, बल्कि उसके अगले दिन से गिना जाना चाहिए.
इस हिसाब से 6 जुलाई को साठ दिन पूरे होते हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि ऐसे पिछले उदाहरण हैं जिनमें कोर्ट के दिन पेश किये जाने के दिन को भी गिना जाता है. इस हिसाब से मुंबई पुलिस एक दिन लेट है. इसी आधार पर स्पेशल कोर्ट ने ड्रग केस के आरोपी को जमानत दे दी है.
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