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UPSC: सच हुआ IAS बनने का सपना, डिप्टी कलेक्टर आदित्य ने हासिल की 92 वीं रैंक, पढ़ें स्टोरी

jantaserishta.com
26 Sep 2021 1:26 PM GMT
UPSC: सच हुआ IAS बनने का सपना, डिप्टी कलेक्टर आदित्य ने हासिल की 92 वीं रैंक, पढ़ें स्टोरी
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औरैया: सिविल सेवा परीक्षा 2020 का परिणाम शुक्रवार देर रात को घोषित किए गएजिले के डिप्टी कलेक्टर आदित्य सिंह आईएएस बन गए हैं। उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षा में 92 वीं रैंक हासिल की है। देर शाम डीएम सुनील कुमार वर्मा ने उन्हें बधाई दी है।

यूपीएससी ने सिविल सर्विसेज 2020 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है। इस परीक्षा में 761 उम्मीदवार पास हुए हैं। मूल रूप से मुजफ्फरनगर के गांव खिथाबी के रहने वाले आदित्य सिंह जिले में 15 अप्रैल से डिप्टी कलेक्टर के पद पर मुख्यालय में तैनात हैं। शुक्रवार को यूपीएससी से जारी परिणाम में उनकी 92वीं रैंक रही है। इस बात की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा समेत कई अधिकारियों ने उन्हें बधाई दी। आदित्य ने बताया कि पिछले बार की यूपीएससी परीक्षा में इंडियन इनफॉर्मेशन सर्विस(भारतीय सूचना सेवा) मिली थी। लेकिन ज्वाइन नहीं किया था। आगे तैयारी की और इस बार बढ़िया रैंक हासिल की है।
धैर्य और कड़ी मेहनत से मिली सफलता : केशव
धैर्य के साथ ही कड़ी मेहनत से मंजिल तक आसानी से पहुंच सकते हैं। मैंने भी पीएच फार्मूला (पेशेंस और हार्ड वर्क) से यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2020 में 491वीं रैंक हासिल की। यह कहना है कि लखना कस्बे के मान खां मोहाल के सराफा कारोबारी अजय कुमार सिंह के बेटे कुमार केशव का। उनके चयन से मोहल्ले के लोग व स्वजन खुशी से झूम उठे। मिठाई बांटकर सबका मुंह मीठा कराया। उनकी उपलब्धि की हर कोई सराहना करता नजर आया।
कुमार केशव ने ने बताया कि प्राथमिक स्तर की शिक्षा लखना कस्बे में पाई। इसके बाद इंटरमीडिएट जनता विद्यालय इंटर कालेज बकेवर से प्रथम श्रेणी में पास किया। स्नातक हंसराज कालेज दिल्ली से करने के बाद तैयारी में जुट गए। बताया कि उनकी उपलब्धि के पीछे पीएच फार्मूले की भूमिका सबसे अहम है। इसके अलावा हर घड़ी-हर पल परिवार, पिता अजय कुमार सिंह वर्मा, मां गौरी रानी के साथ ही भाई कुमार कृष्णा का साथ रहा है। भाई भारतीय सीमा शुल्क मुंबई में सुपरिटेंडेंट के पद पर कार्यरत हैं। वह युवाओं को यही संदेश देंगे कि लक्ष्य बनाकर तैयारी करने पर आसानी से सफलता पाई जा सकती है। उसके लिए उतनी ही मेहनत भी जरूरी है।


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