खूंखार अमेरिकन बुली डॉग, 7 साल की बच्ची पर किया हमला, किया ये हाल

नई दिल्ली: दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-25 इलाके की एक हाउसिंग सोसाइटी में 7 वर्षीय बच्ची पर पड़ोसी के कुत्ते ने हमला कर बुरी तरह नोंच डाला। इस हमले में बच्ची को 15 से अधिक जगह पर चोटें आईं। इस घटना के बाद सोसाइटी के कई सदस्यों ने अपने क्षेत्र में कुत्तों के आतंक के खिलाफ …
नई दिल्ली: दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-25 इलाके की एक हाउसिंग सोसाइटी में 7 वर्षीय बच्ची पर पड़ोसी के कुत्ते ने हमला कर बुरी तरह नोंच डाला। इस हमले में बच्ची को 15 से अधिक जगह पर चोटें आईं। इस घटना के बाद सोसाइटी के कई सदस्यों ने अपने क्षेत्र में कुत्तों के आतंक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
पुलिस ने मंगलवार को इस बारे जानकारी देते हुए बताया कि घटना 9 जनवरी को उस वक्त हुई जब एक अमेरिकन बुली नस्ल के कुत्ते ने कथित तौर पर बच्ची पर हमला कर दिया। उस वक्त बच्ची अपनी हाउसिंग सोसाइटी के अंदर दोस्तों के साथ खेल रही थी।
बच्ची के पिता श्रीकांत भगत ने कहा कि बच्ची के हाथ, पीठ, कान के पीछे, पैर और आंखों के नीचे कई गंभीर चोटें आई हैं। भगत ने बताया कि 9 जनवरी को मेरी सात साल की बेटी शाम करीब 5 बजे अपने दोस्तों के साथ सोसाइटी के अंदर खेल रही थी। मेरे पड़ोसी के अमेरिकन बुली नस्ल के पालतू कुत्ते ने अचानक उस पर हमला कर दिया।
उन्होंने कहा कि मैं भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं कि उसने बहादुरी दिखाई और चिल्लाने लगी जिसके कारण हम समय पर मौके पर पहुंच गए और उसकी जान बचाने में सफल रहे। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी सदमे में है और तीन दिन से अधिक समय से वह सोई नहीं है।
मुखर्जी नगर में एक कोचिंग सेंटर चलाने वाले भगत ने कहा कि कुत्ते का मालिक अड़ा हुआ है, इसलिए हमने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का फैसला किया है, क्योंकि उसने अपने पालतू कुत्ते को पट्टा नहीं बांध रखा था।
उन्होंने कहा कि इस दर्दनाक अनुभव से उबरने के लिए उन्होंने अपनी बेटी को छुट्टियों पर ले जाने का फैसला किया है।
इस बीच, जिस सोसाइटी में बच्ची रहती है वहां के निवासियों ने अपने क्षेत्र में कुत्तों के आतंक के विरोध में मशाल मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने "डॉग फीडिंग बंद करो", "कुत्ते प्रेमी सावधान, खतरे में है बच्चों की जान" जैसे नारे लगाए।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हम कुत्तों को खाना खिलाने या पालतू जानवर रखने के खिलाफ नहीं हैं। पालतू जानवरों के प्रेमियों को यह समझना चाहिए कि ऐसे पालतू जानवर बच्चों के लिए खतरनाक हो सकते हैं।"
पुलिस ने इस संबंध में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 289 (जानवरों के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण) और 337 (जल्दबाजी या लापरवाही से कोई कार्य करके किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाने से मानव जीवन या दूसरों की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा) के तहत मामला दर्ज किया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमने मामले की जांच शुरू कर दी है। आरोपियों को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया जाएगा।"
