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DRDO ने रचा इतिहास: बस इतने दिन में बना दी 7 मंजिला बिल्डिंग, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज करेंगे उद्घाटन

jantaserishta.com
17 March 2022 6:23 AM GMT
DRDO ने रचा इतिहास: बस इतने दिन में बना दी 7 मंजिला बिल्डिंग, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज करेंगे उद्घाटन
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नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बेंगलुरु (Bengaluru) के 'एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट' (ADE) में फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम के लिए इन-हाउस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके रिकॉर्ड 45 दिन में एक बहुमंजिला इमारत का निर्माण किया है. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. इस सात मंजिला इमारत में भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के लिए पांचवीं पीढ़ी के, मध्यम वजन के, गहराई तक मार करने वाले लड़ाकू विमानों (Fighter jet) को विकसित करने के लिए 'रिसर्च एंड डेवलपमेंट' सुविधाएं होंगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) द्वारा गुरुवार को इस इमारत का उद्घाटन किया जाएगा.

एक अधिकारी ने बताया कि DRSO ने ADE, बेंगलुरु में फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम के लिए हाइब्रिड टेक्नोलॉजी के जरिए एक बहु-मंजिला बुनियादी ढांचे के निर्माण को रिकॉर्ड 45 दिन में पूरा किया. उन्होंने कहा कि परिसर में अडवांस्ड मिडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) परियोजना के तहत लड़ाकू विमान और फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (FCS) के लिए वैमानिकी विकसित करने की सुविधा होगी. भारत अपनी वायु शक्ति क्षमता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने के मकसद से अडवांस्ड स्टील्थ सुविधाओं से लैस पांचवीं पीढ़ी के मध्यम वजन के, गहराई तक मार करने वाले लड़ाकू विमान विकसित करने के लिए महत्वाकांक्षी AMCA परियोजना पर काम कर रहा है.
AMCA परियोजना की प्रारंभिक विकास लागत लगभग 15,000 करोड़ रुपये आंकी गई है. रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को बताया था कि AMCA परियोजना के डिजाइन और प्रोटोटाइप (नमूना) विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) की मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को इमारत का उद्घाटन करेंगे.
अधिकारियों ने बताया कि इमारत का निर्माण AMCA परियोजना और संबंधित गतिविधियों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करने के उद्देश्य से केवल 45 दिन की 'न्यूनतम समय सीमा' में समग्र निर्माण तकनीक का उपयोग करके किया गया है. इस परियोजना की आधारशिला 22 नवंबर, 2021 को रखी गई थी और वास्तविक निर्माण कार्य एक फरवरी से आरंभ हुआ. इस परियोजना में शामिल एक अधिकारी ने कहा, 'हाइब्रिड निर्माण तकनीक के साथ एक स्थायी और कार्य संचालन के लिए पूरी तरह तैयार सात मंजिला इमारत का निर्माण कार्य पूरा करने का यह एक अनूठा रिकॉर्ड है और ऐसा देश में पहली बार हुआ है.'

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