कर्नाटक के कांचीपुरम इलाके में एक प्राचीन मंदिर की मरम्मत के दौरान 500 ग्राम सोना मिलने के बाद उस पर कब्जे के लिए जिला प्रशासन और गांव के लोगों के बीच ठन गई और खूब ड्रामा हुआ. शनिवार को चेन्नई से करीब 90 किलोमीटर दूर कांचीपुरम में करीब 300 साल पुराने कुलम्बेश्वर मंदिर की मरम्मत का काम चल रहा था, उसी दौरान वहां से सोना मिला जिसको लेकर विवाद शुरू हो गया.
मंदिर की मरम्मत के दौरान गर्भगृह के नीचे एक बोरी से ढका तांबे का बक्सा मिला. बक्से को जब बाहर निकाल कर देखा गया तो उसमें सोने के बड़े-बड़े सिक्के, छोटी पतली प्लेटों सहित सोने की मूर्तियां और आभूषण मिले. इसे मंदिर के कर्मचारियों और स्थानीय लोगों द्वारा तौला गया. यह खबर पूरे गांव में जंगल की आग की तरह फैल गई. गुप्त सूचना मिलने के बाद जिले के राजस्व अधिकारी शनिवार की रात मौके पर खजाने को कब्जे में लेने के लिए पहुंच गए. बस फिर क्या था गांव के लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया और देखते ही देखते वहां गांव के लोग भारी संख्या में इकट्ठा हो गए. हालांकि, स्थानीय लोगों ने इलाके में भारी ड्रामा किया क्योंकि वो कीमती सामान जब्त कर जिला प्रशासन को दिए जाने के खिलाफ थे.
गांव वाले तर्क देने लगे कि मंदिर उनके गांव में था और यह ख़ज़ाना ईश्वर का उपहार है. उनमें से कुछ लोग पुलिस से बहस करने लगे और कहने लगे कि उन्हें खजाने के स्वामित्व का दावा करने का कोई अधिकार नहीं है. गांव वालों को कानूनी नियम भी बताए गए लेकिन वो मानने को तैयार नहीं हुए. गांव के लोगों की मांग थी कि इसे गांव के ही मंदिर को सौंप देना चाहिए. ग्रामीण बहस के बाद उत्तेजति हो गए और उन्होंने सड़क पर उस वाहन को रोकना शुरू कर दिया जिसमें राजस्व अधिकारी आए थे.
पुलिस के मुताबिक, ग्रामीणों ने कहा कि वे केवल तभी वहां से जाएंगे जब अधिकारी उस खजाने से मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए सहमत होंगे. हालांकि, कांचीपुरम राजस्व विभाग ने कीमती सामान जब्त कर लिया और रविवार को राजकोष में जमा कर दिया.