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एक वर्चुअल पब्लिक हेल्थ समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, बदलते समय के साथ भारत को भी अपने पब्लिक हेल्थ सिस्टम में बदलाव करना होगा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) के बढ़ते मामले और संभावित तीसरी लहर (Corona Third Wave) के खतरे को देखते हुए एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया का कहना है कि इस वक्त पब्लिक हेल्थ केयर सिस्टम को और मजबूत करने की जरूरत है.
एक वर्चुअल पब्लिक हेल्थ समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, बदलते समय के साथ भारत को भी अपने पब्लिक हेल्थ सिस्टम में बदलाव करना होगा.फिलहाल हमें कोरोना की संभावित तीसरी लहर और डेल्टा प्लस वेरिएंट के लिए तैयार रहना होगा और देखना होगा कि हम पब्लिक हेल्थ केयर सिस्टम को और कैसे मजबूत कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, ये केवल इस महामारी के लिए जरूरी नहीं है बल्कि इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पिछले 15 सालों ने हमें सिखाया है कि भविष्य में आने वाली महामारी औऱ परेशानियों के लिए हमें पहले से तैयार रहना होगा.
पब्लिक हेल्थ केयर सिस्टम को मजबूत करने के लिए बड़ा कदम ये है कि ग्रामीण और शहरी इलाकों में रहने वाले सभी लोगों को समान रूप स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं मिलें.
कब आ सकती है तीसरी लहर?
डॉ रणदीप गुलेरिया का बयान ऐसे समय में सामने आया है जब हाल ही में केंद्र के कोविड कार्यकारी समूह के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि तीसरी लहर में देरी होने की संभावना है. इस साल दिसंबर तक कोरोनावायरस की तीसरी लहर आ सकती है. अरोड़ा ने बताया कि आईसीएमआर की एक स्टडी ने इस बात का खुलासा किया है.
उन्होंने कहा, हमारे पास देश में सभी को टीका लगाने के लिए 6 से 8 महीने का समय है. उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में सरकार का लक्ष्य भारत में हर दिन एक करोड़ कोविड -19 वैक्सीन खुराक देना है. डेल्टा प्लस कोविड -19 का नए वेरिएंट को अभी तक महामारी की तीसरी लहर से नहीं जोड़ा जा सकता है.
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