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राजनीतिक जगत में शोक की लहर
नई दिल्ली। डॉ. कमला बेनीवाल जी के निधन से दुःख हुआ। राजस्थान में उनका लंबा राजनीतिक करियर रहा, जहां उन्होंने लगन से लोगों की सेवा की। जब वह गुजरात की राज्यपाल थीं और मैं मुख्यमंत्री था, तब मेरी उनके साथ अनगिनत बातचीत हुई थीं। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदनाएं।' शांति। पूर्व राज्यपाल और राजस्थान की पूर्व डिप्टी सीएम रहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. कमला बेनीवाल (97) का निधन हो गया। बुधवार दोपहर बाद उन्होंने जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली। जवाहर सर्किल के पास आवास पर आज खाना खाने के दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने पर परिजन उन्हें फोर्टिस अस्पताल लेकर गए, जहां इलाज के दौरान उनका देहांत हो गया। अंतिम संस्कार कल जयपुर में होगा।
Saddened by the passing away of Dr. Kamla Beniwal Ji. She had a long political career in Rajasthan, where she served the people with diligence. I had countless interactions with her when she was the Governor of Gujarat and I was the Chief Minister. Condolences to her family and… pic.twitter.com/PvOj6rjGIX
— Narendra Modi (@narendramodi) May 15, 2024
कमला बेनीवाल के एक बेटा और चार बेटियां हैं। उनके बेटे आलोक बेनीवाल शाहपुरा से निर्दलीय विधायक रह चुके हैं। कमला बेनीवाल के निधन पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट सहित कई नेताओं ने शोक जताया है। कमला बेनीवाल का जन्म 12 जनवरी 1927 को झुंझुनूं जिले के गोरिर गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। 11 साल की उम्र में उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था। पढ़ाई लिखाई में रुचि थी।
उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से इतिहास में एमए तक की शिक्षा ली। वे स्टूडेंट जीवन से तैराक, घुड़सवार बन गई थीं। संस्कृत के प्रति भी उन्हें लगाव था। पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली। उस वक्त राजनीति में महिलाओं की संख्या न के बराबर हुआ करती थी। 1954 में राजस्थान की पहली महिला मंत्री बनीं। कमला बेनीवाल आजादी से लेकर 2014 तक राजनीति में सक्रिय रहीं। वे राजस्थान सरकार में मंत्री, डिप्टी सीएम और गुजरात, त्रिपुरा और मिजोरम की राज्यपाल रहीं। कांग्रेस पार्टी में कई पदों पर भी रहीं।
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