अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्र ने असम के कार्बी आंग्लोंग जिले में जादू-टोना करने के संदेह में एक महिला सहित दो लोगों की बर्बरतापूर्ण हत्या की कड़ी निंदा करते हुए कहा, जादू टोने का कोई अस्तित्व नही होता तथा कोई महिला डायन नहीं होती . इस मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर कड़ी कार्यवाही हो .
डॉ दिनेश मिश्र ने बताया असम के कार्बी आंगलोंग जिले के डोकमोका थाना क्षेत्र के लोहिमापुर में एक किशोरी के बीमार होने के बाद गांव के ही दो लोगों पर काला जादू करने का आरोप लगाया ,गया बाद में उस लड़की की मृत्यु हो गयी मौत बुधवार की रात को हुई. मौत के बाद एक अन्य लड़की ने गांव के मुखिया के घर उन्हीं दोनों पर उस पर 'काला जादू' करने और इस वजह से उसके बीमार पड़ने का दावा किया था. जिस पर गांव में कंगारू पंचायत बैठाई गयी ,जिसमे उन्हें कला जादू करने के लिए दोषी ठहराते हुए जान से मारने का फरमान सुना दिया गया.उस फरमान के बाद 'गांववालों ने 60 वर्षीया रमावती और बीजाय गौर की पीट-पीटकर हत्या कर दी और उनके शव पास ही एक पहाड़ी पर ले गए. वहां उन्होंने अंत्येष्टि स्थल के पास उन दोनों के सिर काटकर उन्हें आग के हवाले कर दिया. 'बाद में जानकारी मिलने पर पुलिस वहां पहुंची तथा घटनास्थल का दौरा किया और मिट्टी के नमूनों के अलावा चिता से अवशेष एकत्र किए.डायन के सन्देह में हत्या के इस मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उनसे हथियार भी जब्त किए गए हैं. बाकी आरोपी फरार हैं . गांव में आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं, जो या तो मजदूरी करते हैं या छोटे किसान हैं.
डॉ . दिनेश मिश्र ने कहा कोई नारी डायन /टोनही नही होती. जादू टोने का कोई अस्तित्व नहीं होता .यह सिर्फ अंधविश्वास है, इस प्रकार किसी भी निर्दोष को प्रताड़ित करना ,उसकी हत्या करना शर्मनाक तथा अपराध है . हमारी असम सरकार से मांग है कि इस मामले में शामिल अन्य सभी दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए उन्हें कड़ी सजा मिले ,तथा प्रताड़ितों के परिवार को न्याय,मुआवजा मिल सके.