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नई दिल्ली: सड़क दुघर्टना के एक मामले में अदालत ने वाहन मालिक और ड्राइवर को पीड़ित को मुआवजा देने का निर्देश दिया है। दरअसल, दुर्घटना के समय वाहन का बीमा नहीं हुआ था, लिहाजा अदालत ने मुआवजा रकम के भुगतान की जिम्मेदारी वाहन मालिक व ड्राइवर पर डाली है।
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में एमएसीटी जज लवलीन की अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इस तरह के मामले में अदालत के पास कोई विकल्प नहीं बचता है। किसी भी सड़क दुर्घटना के सही पाए जाने व वाहन चालक की गलती सामने आने पर पीड़ित मुआवजा रकम पाने का हकदार होता है।
वहीं, जब दुर्घटना को अंजाम देने वाले वाहन का बीमा ना हो तो इसकी भरपाई की कानूनन जिम्मेदारी मालिक व ड्राइवर पर ही होती है। लिहाजा पीड़ित को मुआवजा मालिक और ड्राइवर को देना होगा। इसके बाद अदालत ने वाहन मालिक व ड्राइवर को 18 हजार 296 रुपये के मुआवजा भुगतान करने का निर्देश दिया है।
पेश मामले में पीड़ित अपने दोस्त के साथ मोटरसाइकिल से 28 नवंबर 2018 को कश्मीरी गेट से तीस हजारी की तरफ जा रहा था, तभी गलत साइड से आ रही तेज रफ्तार वैगनआर टैक्सी ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। इसमें मोटरसाइकिल पर पीछे बैठा युवक गंभीर रूप से जख्मी हुआ। हालांकि, अदालत ने इस मामले में सुनवाई करते हुए पाया कि पीड़ित युवक का सरकारी अस्पताल में इलाज कराया गया। जहां उसका कोई खर्च नहीं लगा, लेकिन अदालत ने युवक को आर्थिक नुकसान को देखते हुए उसे मुआवजा देने के आदेश दिए हैं।
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