दुर्लभ ऑपरेशन कर डॉक्टरों ने बचाई मरीज की जान, एंडोस्कोपी का लेना पड़ा सहारा
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह जिला अब आने वाले दिनों में मेडिकल हब बनने जा रहा है. जटिल से जटिल ऑपरेशन में स्पेशलिस्ट की मौजूदगी से मरीजों को राहत मिल रही है. मथुरादास माथुर अस्पताल (Mathuradas Mathur Hospital) के न्यूरोसर्जरी यूनिट ए की टीम ने हाल ही में दूरबीन से दुर्लभ ऑपरेशन किया. डॉ सुनील गर्ग ने बताया कि मोहम्मद नामक मरीज़ को बहुत लंबे समय से सिर दर्द और उल्टी की शिकायत थी. एमआरआई से पता चला की मरीज को पानी की थैली के रास्ते में रुकावट थी. आम तौर पर इस बीमारी में शंट नमक पाइप डाला जाता है और पूरी उम्र तक रहता है. लेकिन पाइप में संक्रमण और रुकावट की समस्या हमेशा रहती है. दूरबीन (एंडोस्कोप) जैसी नई तकनीक की वजह से इस बीमारी के इलाज में नई उमीद जगी है. दूरबीन से पानी की थैली के रास्ते की रुकावट को खोलना संभव हो गया है. ऑपरेशन को भारत में बहुत ही कम जगह किया जाता है और ऐसा ऑपरेशन एमडीएम अस्पताल ने पहली बार किया. डॉ. शर्मा ने कहा कि मरीज़ के सिर में आधा सेंटीमीटर के छेद से दूरबीन डाला गया और गुबारे के जरिए पानी का रास्ता खोला गया.
मरीज़ अब बिलकुल स्वस्थ है और उसे सिर दर्द में भी आराम है. डॉक्टर ने ऑपरेशन को काफी जटिल बताया और कहा कि मामूली चूक से मरीज की जान को खतरा भी हो सकता था. ऑपरेशन में निश्चेतना विभाग से डॉ. शोभा उज्जवल, डॉ मोनिका, डॉ अभास छाबड़ा और ओ टी तकनीशियन रेखा सुनील युवराज ने सहयोग दिया. इंडोस्कोपिक थर्ड वेंट्रिकुलोस्टॉमी नामक सर्जरी को सीनियर प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील गर्ग के नेतृत्व में सहायक आचार्य डॉ दिव्यम शर्मा, डॉ पंकज गुप्ता, रेजिडेंट डॉक्टर अखिलेश कुमार की टीम ने सफलतापूर्वक जटिल ऑपरेशन को अंजाम दिया. टीम की सफलता पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ एस एस राठौर और अधीक्षक डॉ एम के आसेरी ने बधाई दी.