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देखें प्रत्येक 2 घंटे की LIVE बुलेटिन, डॉक्टरों ने हिमैनजियोब्‍लास्‍टोमा से ग्रसित शख्स की सर्जरी कर बचाई जान

Nilmani Pal
2 March 2022 12:31 PM GMT
देखें प्रत्येक 2 घंटे की LIVE बुलेटिन, डॉक्टरों ने हिमैनजियोब्‍लास्‍टोमा से ग्रसित शख्स की सर्जरी कर बचाई जान
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बिहार। बिहार के रहने वाले 53 साल के एक व्यक्ति को हिमैनजियोब्‍लास्‍टोमा (Hemangioblastoma) की बीमारी हो गई थी. इस वजह से इस मरीज के ब्रेन में ट्यूमर (Brain Tumour) बन गया था. ट्यूमर इतना बड़ा था कि उसने सेरिबैलम के बाईं ओर (जिसे छोटा मस्तिष्क कहते है) के हिस्से को ढक दिया था. इस वजह से मरीज को काफी परेशानी हो रही थी. उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट हो रही थी और नियमित दवाओं के बावजूद उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं दिखाई दे रहा था, मरीज को दिल्ली के एक हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था. जहां उसकी सजर्री की गई. डॉक्टरों ने बताया कि अगर तुरंत सर्जरी न की जाती तो मरीज कोमा में जा सकता था. इससे मरीज की जान को भी खतरा हो सकता था. एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम ने करीब सात घंटे तक चली सर्जरी के बाद ट्यूमर को निकाल दिया.


फोर्टिस हॉस्पिटल के न्यूरोसर्जरी डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. डॉ सोनल गुप्ता ने बताया कि जब हमने सर्जरी शुरू की तो हम मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं से भरे बड़े ट्यूमर को देखकर हैरान रह गए. बिना और देर किए मरीज की एंजियोग्राम की गई. जिससे हमें समझने में मदद मिली की ट्यूमर को रक्त की आपूर्ति (Blood Supply) कहां से हो रही है. जांच से पता चला कि मरीज एक वैस्कुलर ट्यूमर से पीड़ित थे, जिसे हिमैनजियोब्‍लास्‍टोमा कहा जाता है. न्यूरो-इंटरवेंशन टीम के साथ चर्चा के बाद हमने एम्बोलिजेशन प्रक्रिया के करने का निर्णय लिया. इस प्रक्रिया में ट्यूमर की रक्त आपूर्ति को कम करने के लिए ट्यूमर के भीतर गोंद जैसी सामग्री को इंजेक्ट किया जाता है.

डॉ गुप्ता ने बताया कि यह केस हमारे लिए बहुत ही चुनौतीपूर्ण था. एमआरआई स्कैन को फिर से करने और एमआरआई को पहली बार देखने से लगा था कि मरीज़ को ट्यूबरकुलोमा (Tuberculoma) है. यह ट्यूमर से जुड़ा दुर्लभ मामला था. चूंकि पिछले 5 महीनों में ट्यूमर का आकार बढ़ता रहा था, इसलिए सर्जरी ही एकमात्र विकल्प बचा था. 7 घंटे तक और चार फेज में की गई माइक्रोस्कोपिक फाइन सर्जरी की सहाता से ट्यूमर हो हटा दिया गया . मरीज को 2 दिन न्यूरो-आईसीयू में और 5 दिन वार्ड में रहने के बाद छुट्टी दे दी गई है. मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ है.

डॉ. ने बताया कि हिमैनजियोब्‍लास्‍टोमा वैस्कुलर ट्यूमर है जो मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और रेटिना में हो सकता है. ब्रेन ट्यूमर के मामलों का लगभग 2% यही ट्यूमर होता है. यहां तक कि टैक्नोलॉजी, एडवांस क्लिनिकल प्रोसिजर और एमआरआई जैसी अत्‍याधुनिक जांच से भी कई बार इसका सही पता नहीं चलता और मरीज की मौत हो जाती है.

डॉ. गुप्ता का कहना है कि अगर किसी को लगातार सिरदर्द रहता है, सिर का आकार बढ़ा हुआ लग रहा है. देखने या सुनने में परेशानी हो रही है. और नींंद कम आ रही है तो यह सब ब्रेन ट्यूमर के लक्षण हैं. इस स्थिति में तुरंत डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए.

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