डॉक्टरों ने इलेक्ट्रिशियन को दी नई जिंदगी, सांस नली में फंसा था लोहे का नट
तमिलनाडु। तमिलनाडु में कोयंबटूर के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों ने गलती से लोहे का नट निगल लेने के चलते मुसीबत में पड़े 55 साल के शख्स की जान बचाई है. शमशुद्दीन नाम का शख्स इलेक्ट्रिशियन का काम करता था. 18 अक्टूबर को काम करते हुए उसने गलती से एक लोहे का नट निगल लिया.
शमशुद्दीन ने नट को खांसकर बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन उसका दम घुटने लगा. इसके बाद उसे आनन फानन में सरकारी अस्पताल में ले जाया गया. उसे अस्पताल के ईएनटी विभाग में ले जाकर तुरंत उसका एक्स-रे किया गया.
एक्स-रे में डॉक्टरों ने देखा कि नट उसकी सांस नली में अटका हुआ था और उसके बाएं फेफड़े की ओर जा रहा था. इसके बाद कान, नाक और गले विभाग के प्रमुख डॉ. सरवनन, डॉ. अलीसुल्तान और एनेस्थिसियोलॉजी विभाग के डॉ. मनीमोझी,सेलवन और मदनगोपालन की टीम ने एंडोट्रैचियल इंस्ट्रूमेंट का उपयोग करके शमशुद्दीन का ऑपरेशन किया और नट को सफलतापूर्वक निकाल दिया. तुरंत इलाज के चलते ही शमशुद्दीन की जान बचाई जा सकी.
गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में बिहार के मुजफ्फरपुर से अजीबोगरीब मामला सामने आया था. यहां कब्ज और गंभीर पेट दर्द से पीड़ित 55 वर्षीय एक व्यक्ति का डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन किया. ये जानकर कोई भी हैरान रह जाएगा कि शख्स के पेट से कांच का गिलास निकाला गया. कस्बे के मादीपुर इलाके के अस्पताल, चिकित्सा विशेषज्ञ और आम लोग ये सब देखकर बुरी तरह हैरान रह गए कि ये ग्लास शख्स के पेट के अंदर तक पहुंचा कैसे? सर्जनों की टीम को लीड करने वाले डॉ. मखदुलुल हक ने बताया कि मरीज की अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे रिपोर्ट से पता चला था कि उसकी आंतों में कुछ गंभीर गड़बड़ी है.
ऑपरेशन से पहले ली गई सर्जरी और एक्स-रे की वीडियो फुटेज मीडिया के साथ साझा करते हुए हक ने कहा था, 'कांच का गिलास अंदर कैसे पहुंचा, यह फिलहाल रहस्य है. जब हमने पूछताछ की तो रोगी ने कहा कि उसने चाय पीते समय ग्लास निगल लिया था. हालांकि, यह बात कुछ समझ नहीं आई क्योंकि इंसान की भोजन नली इतनी बड़ी चीज के लिए बहुत ही संकरी है.'