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पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
Jhunjhunu: झुंझुनू। झुंझुनू में किडनी पेशेंट महिला kidney patient woman का गलत ऑपरेशन करने के आरोपित डॉ. संजय धनखड़ को गुरुवार को झुंझुनू कोर्ट में पेश किया गया। वहां से डॉक्टर को जेल भेज दिया गया। पुलिस ने डॉ संजय धनखड़ को गुजरात के राजकोट से गिरफ्तार किया था। इसके बाद 5 जून को कोर्ट में पेश कर एक दिन के रिमांड पर लिया था। रिमांड पूरा होने के बाद गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया। झुंझुनू जिले के मंडावा थाना क्षेत्र के नूंआ गांव की रहने वाली ईद बानो का ऑपरेशन हुआ था। ईद बानो ने धनखड़ अस्पताल में ऑपरेशन कराया। डॉ. संजय ने ऑपरेशन के दौरान संक्रमित किडनी की जगह सही किडनी निकाल दी थी। डॉक्टर ने 15 मई को सर्जरी की। 17 मई को मरीज के यूरिन में मवाद आने लगा और दर्द बढ़ गया। परिजनों ने डॉक्टर से पूछा तो उसने जयपुर जाने को कहा और चेताया कि एसएमएस अस्पताल में सर्जरी के लिए कुछ मत बताना। परिजनों ने मरीज को 21 मई को जयपुर में भर्ती कराया।
यहां जांच में पता चला कि बाईं ओर की किडनी निकाली है जबकि संक्रमण दाईं ओर की किडनी में था। इसके बाद महिला को छुट्टी दे दी गई थी। इसके बाद प्रशासन 30 मई को फिर से महिला को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया है। अब महिला का इलाज जयपुर में चल रहा है। झुंझुनू जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने चिकित्सा विभाग को पत्र लिखा है, जिसमें राजस्थान मेडिकल काउंसिल से डॉ. धनखड़ का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की सिफारिश की है। मामला उजागर होने के बाद धनखड़ हॉस्पिटल को सीज कर दिया है। साथ ही अस्पताल के रजिस्ट्रेशन को भी रद्द कर दिया है। किडनी कांड की जांच के लिए कलेक्टर ने पांच डॉक्टरों की कमेटी बनाई थी। कमेटी ने जांच में डॉ. संजय धनखड़ को दोषी माना है। लापरवाही में सामने आया कि डा. संजय धनखड स्वयं जनरल सर्जन है। किडनी का ऑपरेशन करते वक्त वहां नेफ्रोलाॅजिस्ट या यूरोलॉजिस्ट भी मौजूद होना चाहिए था। इसके साथ ही डॉक्टर को किडनी निकालने के बाद उसकी बायोप्सी करवानी चाहिए थी, लेकिन नहीं करवाई गई। किडनी निकालने के बाद उसे ट्रे में रख दिया गया था, जिससे वह संक्रमित हो गई, जो बड़ी लापरवाही है। कमेटी ने माना है कि डॉ. धनखड ने संक्रमित किडनी के स्थान पर सही किडनी निकाल दी।
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