उत्तर प्रदेश सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के सहायक प्रोफेसर डा.समीर सर्राफ को निलंबित किया गया है. इसकी जांच के लिए टीम गठित की गई थी. जांच के दौरान आरोपों की पुष्टि हो गई. टीम की रिपोर्ट पर प्रथम दृष्टया कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के सहायक प्रोफेसर डा. समीर सर्राफ को निलंबित कर दिया गया. यह मामला वीडियो वायरल होने के बाद तूल पकड़ रहा था. इसके बाद विभाग ने कार्रवाई की है. सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलसचिव सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के सहायक प्रोफेसर डा.समीर सर्राफ को निलंबित किया गया है. इनके ऊपर जो आरोप लगे थे वह जांच में पाए गए हैं. जांच रिपोर्ट में मेडिकल कालेज के नियमों का उल्लंघन, वित्तीय अनियमितता और कर्तव्यों का पालन न करने के चलते इनका निलंबन हुआ है. अब बड़ी जांच टीम बनाई गई है. कुलसचिव ने यह भी बताया कि मरीज की शिकायत पर और कुलपति ने अपने स्तर पर इनको खुद ही पकड़ा है.
कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डा.समीर सराफ ने मरीजों को पेसमेकर पीजीआई की तय कीमत से अधिक रेट पर लगाया गया. जब इसकी शिकायत एक मरीज ने संस्थान के प्रशासन से की तो आनन-फानन में अस्पताल प्रशासन ने एक मजिस्ट्रेट जांच टीम बनाकर जांच करने की जिम्मेदारी सौंप दी. जांच में आरोपों की पुष्टि हो गई. इस मामले से जुड़े कई सीसीटीवी वीडियो सामने आए हैं, जिसमें डाक्टर अपने कर्मचारियों की मार्फत पैसा लेते दिख रहे हैं. जिससे साफ पता चलता है कि मेडिकल यूनिवर्सिटी में बहुत लोग इस भ्रष्टाचार में लिप्त हैं.
कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डा. समीर सराफ ने मरीजों को पेसमेकर पीजीआई की तय कीमत से अधिक रेट पर लगाया गया. जब इसकी शिकायत एक मरीज ने संस्थान के प्रशासन से की तो आनन-फानन में अस्पताल प्रशासन ने एक मजिस्ट्रेट जांच टीम बनाकर जांच करने की जिम्मेदारी सौंप दी, जिसमें जांच सही मिली. शुक्रवार को मजिस्ट्रेट की जांच टीम ने भ्रष्टाचार और तय कीमत से 9 गुना अधिक कीमत तक वसूलने की अनियमितता पाई गईं. अस्पताल प्रशासन ने जांच रिपोर्ट के आधार पर डा. समीर सर्राफ को निलंबित कर दिया है. इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने एक्सपर्ट्स की राज्यस्तरीय एक बड़ी जांच टीम गठित कर दी है.
रिश्वत लेते हुए घटना का वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है. वीडियो में डा. मरीजों से रुपये लेते हुए दिखाई दे रहे हैं. वहीं, अस्पताल प्रशासन का कर्मचारी भी पैसों के लेनदेन में संलिप्त है. विश्वविद्यालय प्रसाशन पूरे मामले को दबाने में जुटा हुआ था और आरोपी डा. समीर सर्राफ को वित्तीय अनियमितता का हवाला देते हुए फजीहत से बचने की कोशिश में जुटा था. मेडिकल कालेज के कुलसचिव सुरेश चंद्र शर्मा ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बताया कि कार्डियोलाजी डिपार्टमेंट के सहायक प्रोफेसर डा. समीर सराफ को निलंबित किया गया है. इनके ऊपर जो आरोप लगे थे, वह जांच में सही पाए गए हैं. जांच रिपोर्ट में मेडिकल कालेज के नियमों का उल्लंघन, वित्तीय अनियमितता और कर्तव्यों का पालन न करने के चलते इनका निलंबन हुआ है. अब बड़ी जांच टीम बनाई गई है. कुलसचिव ने यह भी बताया कि मरीज की शिकायत पर और कुलपति ने अपने स्तर पर इनको खुद ही पकड़ा है.