गुरुग्राम में डॉक्टर का अपहरण कर उसे छोड़ने के नाम पर मांगी गई 55 लाख रुपये की फिरौती के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार की अदालत ने दोषी करार दिए गए चार लोगों को सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने आरोपियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माने भी लगाया। जानकारी के अनुसार, सिविल लाइन क्षेत्र स्थित पुष्पांजलि अस्पताल के निदेशक डॉ. एसपी यादव ने सिविल लाइन पुलिस थाना में 2019 में 26 मार्च को शिकायत दर्ज कराई थी कि वह परिवार सहित गुरुग्राम में रहते हैं। उनका रेवाड़ी में भी इसी नाम से अस्पताल है। उनका बेटा डॉ. श्रेयस और वह स्वयं इन दोनों अस्पतालों की देखरेख करते हैं। 16 मार्च को उनका बेटा अपनी गाड़ी से रेवाड़ी गया था, लेकिन देर रात तक वह वापस नहीं आया। रात करीब दो बजे उनके मोबाइल पर बेटे के मोबाइल से वॉट्सऐप कॉल आई कि उनके बेटे का अपहरण कर लिया गया है। यदि बेटे की सलामती चाहते हो तो 55 लाख रुपये भेज दो। पुलिस को बताया तो उसे जान से मार देंगे।
डॉ. यादव ने अपनी शिकायत में लिखा था कि किसी प्रकार से उसने 55 लाख रुपये की व्यवस्था कर 17 मार्च की रात्रि को ही अपहरणकर्ताओं के बताए हुए स्थान सोनीपत जिले में कुंडली के पास जीटी रोड पर दिए थे, जिसके बाद अपहरणकर्ताओं ने उनके बेटे को छोड़ दिया था। मानसिक दबाव व हालात को देखते हुए उन्होंने घटना के दस दिन बाद सिविल लाइन पुलिस थाना में मामला दर्ज कराया था।
पुलिस ने मामले की जांच करते हुए सोनीपत जिले के जोगिंद्र, दीपक और शिव कुमार उर्फ शिवा, पानीपत जिले के कमल व लखनऊ के अमितेश चौबे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने अदालत में जो सबूत व गवाह पेश किए, उनसे आरोपियों पर लगे आरोप सिद्ध हो गए। गत सप्ताह चारों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उनकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को अदालत ने सजा सुनाई है। आरोपी शिवकुमार उर्फ शिवा को सबूतों और गवाहों के अभाव में अदालत पहले ही बरी कर चुकी है।