काशीपुर। शहर के एक डॉक्टर ने छह लोगों के खिलाफ जमीन पर जमीन के नाम पर 2.5 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और कनाडा में फंड की हत्या की धमकी देने का आरोप लगाया है। डॉक्टर की दुकान पर पुलिस ने केजे दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
श्री कृष्णा हॉस्पिटल के संचालक डॉ. मयंक अग्रवाल ने पुलिस को 2021 में अपनी माता के नाम से ग्राम स्ट्रीथी बजर काशीपुर कॉलेज कॉलेज के लिए अमरजीत सिंह, पुतली सिंह और गुरकर्ण सिंह से दो जगह जमीन दी थी। कॉलेज के लिए ग्राउंड कम प्रोडक्शन पर उन्होंने आर्मजीत सिंह से थ्री नॉक ग्राउंड और दिलवाने के लिए कहा। इस पर अमरजीत सिंह ने अपनी जमीन पर तीन करोड़ रुपये में तीन एकड़ जमीन का सौदा करवाया।
मयंक अग्रवाल ने बताया कि अमरजीत सिंह ने विदेश में रहने वाले अपने दो बेटों गुरप्रीत सिंह और रनदीप सिंह, पतित सिंह और गुरकर्ण सिंह पुत्रगण अवतार सिंह और हरदीप सिंह पुत्र पूर्णत सिंह से बातचीत करने के बाद उनके बयान के 10 लाखों रुपए का कारोबार। उन्होंने अमरजीत को बयान दिया, बदले में उन्होंने एक उद्यम पेपर पर 10 लाख रुपये की रसीद दे दी।
इसके बाद अलग-अलग तारीखों पर दो करोड़ 40 लाख 50 हजार रुपये की कीमत पर आरटीजीएस के माध्यम से अमरजीत को देने के बाद उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री के लिए कहा तो वह ताल-मटोल करने लगा। संदेह होने पर जमीन का खसरा निकलवाई तो पता चला अमरजीत सिंह के नाम पर सिर्फ जमीन का निर्धारण ही जमीन है। बाकी अचल भूमि उनके भाई प्रीत सिंह और गुरकर्ण सिंह का नाम है।
उन्होंने इस विषय में जब अमरजीत से कहा तो उन्होंने कहा कि जमीन की रजिस्ट्री बात जमीन की रजिस्ट्री करवाती है और बाकी जमीन की रजिस्ट्री नहीं करवाती। बताया कि अब वह इसी तरह की खतरनाक स्थिति में है। 17 सितंबर 2023 को जब वह घर गए तो अमरजीत और उनके बेटे गुरप्रीत सिंह ने कनाडा से ही फिल्म की खतरनाक दी। फैक्ट्री पुलिस ने अलग-अलग धाराओं के खिलाफ दर्ज की गई दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है।
साढ़े आठ लाख रुपये लेकर थमा दिया फ़र्ज़ी मंज़िल का पुजारी
रुद्रपुर। सिटी के एक आइलेट जनरल मैनेजर पर लंदन से कनाडा जाने के लिए साढ़े आठ लाख रुपये वसूलने का आरोप लगाया गया है। दोनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए लेकेर को मालदीव में गोली मार दी गई।
ग्राम नजीमाबाद के निवासी सोहन सिंह का कहना है कि उनका बेटा कुलदीप सिंह लंदन में है। वह बेटा लंदन से कनाडा गया था। उन्होंने रुद्रपुर के आइलेट सेंटर से संपर्क किया। सेंटर के दो स्टार्स 17 जुलाई को आगे बढ़ने के लिए 50,000 रुपये में थे और 15 सितंबर को वीरांगना आठ लाख रुपये में आए। जब उनके बेटे लंदन से कनाडा जाने के लिए स्टेडियम में दिखाए गए तो उन्होंने फ़र्ज़ी खोज निकाली। इसके चलते उनके बेटे को न सिर्फ बेचैनी झेलनी पड़ी बल्कि जेल जाने की नौबत तक आ गई थी। जब उन्होंने आइलेट असिस्टेंट से बात की तो उन्होंने आठ दिन में मास्टर सही ढंग से काम नहीं किया और न ही रुपये लौटाए जा सके। उन्होंने कानूनी कार्यवाही करने की बात कही तो उनके साथ अभद्रता की गई। उनका कहना है कि लोन और ब्याज पर उधार लेने वाले स्वामी के लिए ऋणदाता दोनों नीचे दिए गए हैं। पुलिस ने जांच कर कार्रवाई का आरोप लगाया है। संवाद