चंबा। बेरोजगार शास्त्री अध्यापक संघ चंबा ने वर्तमान में नए नियमों के तहत शास्त्री अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने मांग उठाई है कि शास्त्री अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया पुराने नियमों के तहत की जाए। इस प्रक्रिया को लेकर संघ ने उच्च न्यायालय में भी केस दायर किया हुआ है। बेरोजगार …
चंबा। बेरोजगार शास्त्री अध्यापक संघ चंबा ने वर्तमान में नए नियमों के तहत शास्त्री अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने मांग उठाई है कि शास्त्री अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया पुराने नियमों के तहत की जाए। इस प्रक्रिया को लेकर संघ ने उच्च न्यायालय में भी केस दायर किया हुआ है। बेरोजगार शास्त्री अध्यापक संघ चंबा के प्रधान राकेश ठाकुर ने कहा कि सरकार नए नियमों के तहत शास्त्री अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया निपटा रही है। इसमें शास्त्री अध्यापकों पर बीएड लागू और बीए व एमए संस्कृत वालों को प्राथमिकता दी गई है, जोकि न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने एक शास्त्री अध्यापक की डिग्री पांच वर्ष की होती है। इसमें वह व्याकरण, वेद, पुराण, गीता, महाभारत व रामायण सहित तीस विषयों का अध्ययन करते हैं।
मगर शास्त्री अध्यापकों के नए भर्ती नियमों में एकमात्र संस्कृत माध्यम हिंदी विषय में बीए व एमए करने वालों को योग्य बना दिया है। राकेश ठाकुर ने कहा कि कई शास्त्री अध्यापक वर्षो से बैचवाइज आधार पर नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। मगर सरकार के नए भती नियमों के चलते वे भर्ती प्रक्रिया से ही बाहर हो गए हैं। इसलिए संघ शास्त्री अध्यापकों की भर्ती के नए नियमों की खिलाफत कर रहा है। इस मौके पर बेरोजगार शास्त्री अध्यापक संघ के राकेश, महेश, टेक चंद, सुनील कुमार, विकास, लाल चंद, लाल सिंह, रवि, रविंद्र, चंपा, कामना, वर्षा, उषा, सुनील कुमारी, चंद्रेश, सपना व विभा आदि मौजूद रहेे।