x
बड़ी खबर
शिमला। डा.यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के क्षेत्रीय बागबानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र मशोबरा और जुब्बल फार्म लैंड के संयुक्त तत्वावधान में जुब्बल में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित कृषि फसलों की माइट पर नेटवर्क प्रोजेक्ट के अंतर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान परियोजना प्रभारी व कीट वैज्ञानिक डाक्टर संगीता शर्मा ने बागबानों को सेब, नाशपाती और गुठलीदार फलों को नुकसान पहुंचाने वाली विभिन्न प्रजाति की माइट के बारे मे विस्तार से अहम जानकारी दी। उन्होंने बागबानों को बताया कि माइट पत्तों से रस चूसती है, जिस कारण पत्ते फीके पड़ जाते हैं और अंत में तांबें के रंग में बदल जाते हैं। इसके प्रकोप से फल कच्चे और छोटे आकार के रह जाते हैं।
उन्होंने कहा कि इस कारण फल उत्पादन में भारी कमी आती है। उन्होंने बागबानों को मित्र कीटों के बारे में भी जागरूक किया। उन्होंने माइट के सर्दियों के अंडों को फूटने से बचाने के लिए हार्टिकल्चरल मिनरल तेलों का हरित कली अवस्था पर छिडक़ाव करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यदि माइट की संख्या प्रति पत्ता 6-8 हो जाए तो फिर माइट नाशकों का छिडक़ाव किया जाना चाहिए। शिविर में 100 से अधिक बागबानों ने भाग लिया। इस अवसर पर फल विशेषज्ञ डा.नीना चौहान, पादप रोग वैज्ञानिक डा.उषा शर्मा और मृदा विशेषज्ञ डा.उपेंद्र शर्मा ने भी बागबानी से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। जुब्बल फार्म लैंड के निदेशक मंडल शेयरधारक तथा डा. वाईएस परमार औद्योनिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के सदस्य डिंपल पांजटा भी उपस्थित रहे।
Tagsदिन की बड़ी ख़बरअपराध खबरजनता से रिश्ता खबरदेशभर की बड़ी खबरताज़ा समाचारआज की बड़ी खबरआज की महत्वपूर्ण खबरहिंदी खबरजनता से रिश्ताबड़ी खबरदेश-दुनिया की खबरराज्यवार खबरहिंदी समाचारआज का समाचारबड़ा समाचारनया समाचारदैनिक समाचारब्रेकिंग न्यूजBIG NEWS OF THE DAYCRIME NEWSLATEST NEWSTODAY'S BIG NEWSTODAY'S IMPORTANT NEWSHINDI NEWSJANATA SE RISHTABIG NEWSCOUNTRY-WORLD NEWSSTATE-WISE NEWSTODAY NEWSNEWS UPDATEDAILY NEWSBREAKING NEWS
Shantanu Roy
Next Story