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छोटी-छोटी बातों पर विवाद करती है..तलाक मामले में हाईकोर्ट ने की अहम टिप्पणी, जानें पूरा मामला

jantaserishta.com
25 March 2024 4:50 AM GMT
छोटी-छोटी बातों पर विवाद करती है..तलाक मामले में हाईकोर्ट ने की अहम टिप्पणी, जानें पूरा मामला
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पति को नपुंसक कहना या यौन संबंधों को लेकर बातचीत करना मानसिक क्रूरता है।
नई दिल्ली: तलाक से जुडे़ एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। कोर्ट का कहना है कि सार्वजनिक रूप से पति को नपुंसक कहना या यौन संबंधों को लेकर बातचीत करना मानसिक क्रूरता है। पति के आरोप थे कि पत्नी चिड़चिड़े स्वभाव की है और वह छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा करती है। साथ ही उनका कहना था कि वह बेहद अभद्र तरीके से बात करती थी।
पति की तरफ से दाखिल अपील पर जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस नीना बंसल कृष्ण की बेंच सुनवाई कर रही थी। अदालत ने हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के तहत पत्नी की तरफ से क्रूरता के आधार पर पति को तलाक की अनुमति दे दी। फैमिली कोर्ट की तरफ से पति की तलाक याचिका को खारिज कर दिया गया था। इसके बाद उसने हाईकोर्ट में अपील दायर की।
कोर्ट ने कहा, '...हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि पत्नी की तरफ से सभी के सामने पति को अपमानित करने और नपुंसक कहना और परिवार के सदस्यों के सामने खुलकर सेक्सुअल लाइफ के बारे में बात करने को अपमानजनक कृत्य कहा जा सकता है, जिसके चलते अपीलकर्ता को मानसिक क्रूरता का सामना करना पड़ा।' दोनों की शादी साल 2011 में हुई थी।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, IVF प्रक्रिया से दो बार गुजरने के बाद भी दोनों को संतान नहीं हो रही थी, जिसके चलते मतभेद शुरू हो गए। पति के आरोप हैं कि पत्नी लगातार सभी के सामने उसे नपुंसक कहकर अपमानित करती थी। अदालत का कहना था कि इसके चलते सार्वजनिक रूप से पति को जो अपमान सहना पड़ा, उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
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