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सेनेटरी पैड मुफ्त में वितरित करें, इस सरकार ने जिलों के कलेक्टरों से कहा
jantaserishta.com
22 Aug 2022 8:08 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
भुवनेश्वर: ओडिशा में भीषण बारिश के चलते बाढ़ के हालात बन गए हैं। लगातार बारिश के कारण राज्य की नदियां उफान पर हैं। जहां एक ओर सैकड़ों गांव जलमग्न हैं, वहीं हजारों हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं। इसी बीच ओडिशा सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिलों के कलेक्टरों से कहा है कि वे प्रभावित गांवों में लड़कियों और महिलाओं को सेनेटरी पैड मुफ्त में वितरित करें।
दरअसल, ओडिशा सरकार की तरफ जारी किए एक बयान में कहा गया है कि बाढ़ में फंसीं महिलाओं और लड़कियों के लिए स्वच्छता उपायों के साथ-साथ उचित चिकित्सा देखभाल आवश्यक है। इसलिए कृपया सीडीएमओ को निर्देश दें कि आपातकालीन स्वच्छता उपायों के रूप में सेनेटरी पैड की खरीद करें और वंचित क्षेत्रों में महिलाओं और लड़कियों को वितरित करें।
आगे यह भी कहा गया कि इस तरह के खर्च की लागत एसडीआरएफ की तरफ से एसआरसी द्वारा वहन की जाएगी। ओडिशा सरकार के विशेष राहत आयुक्त प्रदीप जेना ने 10 बाढ़ प्रभावित जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखा है। जिनमें खोरधा, पुरी, कटक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, नयागढ़, बालासोर, भद्रक, बौध और क्योंझर शामिल हैं।
इस बीच सुवर्णरेखा नदी बेसिन पर स्थित बालासोर और मयूरभंज जिले में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और उन जिलों के सात ब्लॉकों के सैकड़ों गांव सुवर्णरेखा के बढ़ते पानी से प्रभावित हैं। झारखंड में गलुडीह बैराज के साथ सुवर्णरेखा नदी पर 6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, यह बालासोर के राजघाट इलाके में खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है।
ओडिशा में भीषण बाढ़ की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बालासोर और मयूरभंज के जिला प्रशासन ने सुवर्णरेखा और बैतरणी नदी में बाढ़ से निपटने के लिए निचले इलाकों में बड़े पैमाने पर निकासी अभियान शुरू किया है। उन्होंने कहा कि राज्य पहले से ही लगातार बारिश के कारण महानदी में बाढ़ के प्रभाव से जूझ रहा है, जिससे सात लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से लगभग पांच लाख अब भी 763 गांवों में फंसे हुए हैं।
इससे पहले सीएम नवीन पटनायक ने राज्य के एक बड़े क्षेत्र में जलभराव होने और बड़ी कृषि भूमि और कई घरों को क्षतिग्रस्त होने पर चिंता व्यक्त की है। इसके साथ ही सीएम की ओर से बाढ़ के कारण प्रभावित होने वाले मवेशियों के लिए राहत और चारे की व्यवस्था की गई है। वहीं मुख्यमंत्री के हवाई सर्वेक्षण के बाद खुर्दा, पुरी, कटक, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर जिलों के बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों के लिए 15 दिनों की सहायता की घोषणा की गई है।
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